रिश्तों में सोने की चमक नहीं प्यार की चमक जरूरी है – कमलेश आहूजा  : Moral Stories in Hindi

सरिता के बहू बेटे की शादी की पहली सालगिरह थी उसने पूरे उत्साह और अपनी हैसियत के अनुसार सालगिरह मनाई।कुछ नजदीकी रिश्तेदारों व आस पड़ोस के लोगों को भी बुलाया था।खाना उनके बेटे नीरज ने बाहर से ऑर्डर कर दिया था।सरिता ने बेटे नीरज को पैंट-शर्ट व बहु रिया को साड़ी और शगुन तोहफे में … Read more

मेरे भाई का दामन भरा रहे – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

नेहा अपने छोटे भाई रोहित से बहुत प्यार करती थी। रोहित भी अपनी बहन पर जान लुटाता था। नेहा को जरा भी तकलीफ होती तो वो सारा घर सिर पे उठा लेता था।रोहित अपने स्कूल का मेधावी क्षात्र था। घरवालों और सभी स्कूल के शिक्षकों को उससे बहुत उम्मीदें थीं। रोहित भी बहुत मेहनत करता … Read more

कोई मुझे प्यार नहीं करता – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

मेरी तो किस्मत ही काली स्याही से लिखी गई है..कितना भी कर लूं किसी के लिए कोई मुझे प्यार नहीं करता…नेहा रोते रोते बस अपनी किस्मत को कोसे जा रही थी…सहेली रिया उसे समझाते हुए बोली – “नेहा हो सकता है तेरा सोचने का तरीका गलत हो..तुझे किसी का प्यार दिखाई ही नहीं देता हो।” … Read more

तू अभागन नहीं थी – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

पैदा होते ही अपने मां बाप को खा गई फिर मनहूस हमारे बेटे को खा गई..अभागन कहीं की…रोज सुमन को अपने सास ससुर के तानों से दो चार होना पड़ता था।अंदर से बेचारी टूट गई थी..पर कर भी क्या सकती थी? मां बाप होते तो उनकी पास चली जाती….मामा मामी ने तो वैसे ही उसे … Read more

उसे कैसे माफ कर दूं – कमलेश आहूजा   : Moral Stories in Hindi

“मम्मी,बुआ रोज रोज मुझे फोन करके बोलती है,कि आप उसे माफ कर दें और पहले की तरह दोनों परिवार एक हो जाते हैं।आप बुआ को माफ करदो ना..माफ करने वाले का दिल बहुत बड़ा होता है।”रोहित दुखी होते हुए बोला। “काश! माफ कर पाती..!! पर क्या करूँ जब भी तेरी बुआ की बातें उसका व्यवहार … Read more

और वो लौट आई – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

रात्रि के दस बज चुके थे थकीहारी प्रिया ने जैसे ही अपने फ्लेट की डोर बेल दबाई सोमिल ने दरवाजा खोला और बड़े ही अनमने मन से बोला -“अरे,आ गईं..काफी देर कर दी।क्या ऑफिस में आज ज्यादा काम था?” प्रिया ने सोमिल के भावों को पढ़ लिया था।औपचारिक स्वर में बोली -“हां..आप लोगों ने खाना … Read more

मेरे पापा मेरा गुरुर हैं – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

“बेटी,बड़ी हो रही है अभी भी आप उसके साथ बच्चों की तरह आंख मिचौनी खेलते रहते हैं।”रमा झल्लाते हुए बोली। “रमा,यही तो समय है जितना अपनी बेटी का साथ लाड लगा सकूं उसके साथ मस्ती कर सकूं।बड़ी होकर तो ये अपने ससुराल चली जाएगी।क्या पता फिर इससे मिलने के लिए भी तरस जाऊं।”सुरेश जी कहते … Read more

रिश्तों की डोर ना हो कभी कमजोर – कमलेश आहूजा: Moral Stories in Hindi

नेहा की माँ का देहांत हो गया था।तेरहवीं की रस्म करके अभी अपने घर आई थी कि भाभी का फोन आ गया  -“हैलो दीदी,आपसे एक बात पूछनी थी प्लीज बुरा नहीं मानना।” “हां रीना,पूछो क्या बात पूछनी है?” “दीदी मम्मी जी की दो सोने की चूड़ियां एक गले की चैन,एक जोड़ी टॉप्स और कान की … Read more

एक नई शुरुआत-कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

“माँ आपसे कितनी बार कहा है,कि बात बात पर पूजा से बहस ना किया करो।लेकिन आप मानती नहीं रोज क्लेश करती रहती हो।”सोमिल गुस्सा होते हुए रमा से बोला। “तू तो हर बार मुझे ही गलत समझता है और बहु को कुछ नहीं कहता।मैंने इसे मायके वालों को फोन करते सुना था,कि मेरी सास कोई … Read more

error: Content is Copyright protected !!