नाराज – क़े कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

मेरे पति के साथ मेरा कोल्ड वार चल रहा था पूछिए क्यों ? दो महीने पहले मेरे ससुर की मृत्यु हृदयाघात से हो गई थी। वे गाँव के सरकारी स्कूल में गणित के शिक्षक थे। वहीं गाँव में ही उन्होंने दोमंजिला घर बनवाया था और आराम से रह रहे थे। उनके दो बेटे थे। मेरे … Read more

बहू आँखों में आँसू भरकर अपने सास के पाँव में झुक गई – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

गौरीशंकर को आज अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था । एक सप्ताह पहले उन्हें दिल का दौरा पड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था । उनका बड़ा बेटा सुबोध अमेरिका में रहता था ।  इसलिए पिता को देखने नहीं आ पाया था । छोटा बेटा सतीश बैंगलोर में रहता था वह पिता … Read more

प्यार करने का हक आपको भी है – के कामेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

ज्योति मेडिकल कॉलेज से बाहर आई और हॉस्टल की तरफ़ मुड़कर जाने लगी आज उसे बहुत अच्छा लग रहा था क्योंकि उसका हाउस सर्जन का आख़िरी दिन था । अब वह डॉक्टर बन गई है । डॉक्टर ज्योति वाहह !!! उसी समय पीछे से मनोज ने आवाज़ दी ज्योति रुको । मैं भी आ रहा … Read more

मैं काम नहीं करूँगी – के कामेश्वरी  : Moral Stories in Hindi

अहल्या के पति मनोज कॉलेज में मेथ्स विभागाध्यक्ष के पद पर कार्यरत थे । वे खुद हाउस वाइफ़ थीं । उनके दो बेटे हुए हैं । उनकी क़िस्मत अच्छी नहीं थी या भाग्य का खेल था कि बड़ा बेटा रमेश गूँगा और बहरा पैदा हुआ था । उनका छोटा बेटा राघव बहुत ही होशियार था … Read more

अपना घर अपना ही होता है – के कामेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

घनश्याम जी के गुजर जाने के बाद उनके दोनों बेटों ने अपनी माँ को बाँट लिया था । सीता किसी के भी पास नहीं जाना चाहती थी । उसे लगता था कि मैं अपने ही घर में पति की यादों के सहारे जी सकती हूँ । अपना घर तो अपना ही होता है । लेकिन … Read more

ख़ानदान की इज़्ज़त – के कामेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

सुप्रिया और स्वाति दोनों एक ही ऑफिस में नौकरी करती थी घर पास होने के कारण साथ में मिलकर ऑफिस जातीं थीं । उनका एक दूसरे के घर आना जाना भी लगा रहता था । सुप्रिया की बेटी मधु और स्वाति की बेटी सविता एक ही कक्षा में पढ़ती थी पर अलग अलग स्कूलों में … Read more

इंतज़ार – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सुनंदा को वृद्धाश्रम में आए तीन साल हो गए थे । वह किसी से भी ज़्यादा बात नहीं करती थी । अपना अलग से अकेले ही बैठती थी । इन तीन सालों में नंदिता के अलावा उसने किसी से भी बात नहीं की थी । कोई प्रश्न पूछता भी है तो हाँ , न में … Read more

अशांति – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सुबह के छह बज रहे थे रुक्मिणी को पाँच बजे ही चाय पीने की आदत थी। उन्होंने आवाज़ दी कि बहू चाय बनाएगी क्या? उनकी पुकार सुनते ही सौरभ की नींद भी खुल गई थी । पास में ही सो रही रम्या बड़बड़ाते हुए उठी कि दो मिनट रुक नहीं सकतीं हैं चाय चाय की … Read more

घर का आंगन बहू से सजता है तो ससुराल भी सास के बिना फीका होता है – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

वंदना न्यू इंडिया इंन्श्यूरेंस कंपनी में नौकरी करती थी । माता-पिता ने ही उसके लिए हर्षवर्धन के रिश्ते को पसंद किया था । उसने उनकी बात मानकर उससे शादी के लिए तैयार हो गई थी। हर्षवर्धन का एक बड़ा भाई और एक बड़ी बहन थी उन दोनों की शादी पिताजी के गुजरने के पहले ही … Read more

कलंक – के कामेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

नमन का फोन आया है कि माँ गुजर गई है । मनन ने बात सुनकर बिना कुछ कहे फोन रख दिया । कार ड्राइव करते हुए ही पिहू ने पूछा कि किसका फ़ोन था । नमन का फोन है । कह रहा था कि माँ चल बसी है एक बार अंतिम संस्कार के लिए आ … Read more

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