पीढ़ियों का अंतर – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

अलार्म के बजते ही सोनाली की नींद खुल गई । उसे लगा कि पाँच मिनट और सो जाती हूँ फिर लगा कि नहीं एक मिनट देरी की तो सारे काम पीछे हो जाएँगे और ऑफिस के लिए लेट हो जाऊँगी सोचकर अलसाए हुए शरीर को लेकर बाथरूम की तरफ़ फ्रेश होने के लिए बढ़ी । … Read more

अपनों का साथ – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

मेरे दादा जी रेलवे में मेल गार्ड के पद पर कार्यरत थे । उनकी चार लड़कियाँ और चार लड़के थे । वे हमेशा ड्यूटी पर होते थे पर पीछे से पूरे परिवार की देखभाल मेरी दादी कौशल्या जी ही करती थी । दादी हमेशा दादा जी से कहती थी कि आपके रिटायर होने से पहले … Read more

आज की महिला – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

नंदिता जब ब्याह करके अपने ससुराल पहुँची थी तो देखा घर में दो देवर हैं जो अपनी पढ़ाई पूरी करके नौकरी ढूँढ रहे थे । एक छोटी नन्द डिग्री में पढ़ रही थी । ससुर रिटायर हो कर घर पर ही थे । अब सास बहू को ज़िम्मेदारी सौंप कर खुद अपनी ज़िम्मेदारियों से मुक्त … Read more

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संयुक्त परिवार में रोक टोक जरूर है पर एक सुरक्षा और परवाह भी है । – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

 रत्ना अपने माता-पिता की छह संतानों में सबसे छोटी बेटी थी । उसने घर में रहकर ही डिग्री पूरी की थी । वह एक छोटे से गाँव में रहती थी पर आज़ाद ख़्यालों की थी । उसने प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लेकर जनरल इंश्योरेंस में नौकरी पा ली थी । अब तो वह कमा भी … Read more

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यह जीवन का सच है – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

मैंने सोचा आज ऑफिस जाने के पहले एक बार मंदिर चला जाता हूँ । यही मेरी आदत भी है कि जब भी दिल कहता है सीधे ईश्वर के पास माथा टेकने चला जाता हूँ । मैंने अभी सीढ़ियों पर पैर रखा ही था कि वहाँ बैठी हुई औरतों में एक औरत कुछ जानी पहचानी सी … Read more

सुख दुख का संगम – के. कामेश्वरी  : Moral Stories in Hindi

मैं घर के सामने बरामदे में बैठकर पेपर पढ़. रहा था कि मेरा पोता जो तीन साल का था मुँह फुलाकर मेरे पास आकर कहने लगा कि दादाजी आपका घर अच्छा नहीं हैं। उसे देखकर मुझे हँसी आई उसे अपने पास बुलाकर पूछा क्यों अच्छा नहीं हैं? इट्स टू हॉट । उससे मजाक करते हुए … Read more

मायके में आपके रिश्ते बने होते हैं पर ससुराल में बनाने पड़ते हैं – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सौरभ रिचा के साथ कॉफी पीने आया था । कॉफी पीना तो एक बहाना ही है वह रिचा के प्रश्नों का जवाब देने वाला था । उसने गहरी साँस ली और कहा रिचा मैं तुमसे शादी करूँ तो कैसे करूँ ? तुम मेरी माँ की ज़ुबान को नहीं जानती हो वह इतनी तीखी है कि … Read more

घर वापसी – क़े कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सीताराम एक छोटी सी कंपनी में नौकरी करते थे। उनकी थोडी सी तनख्वाह से ही उनके तीन बच्चों पत्नी और माँ का पालन पोषण होता था। उनकी भी ख्वाहिश थी कि एक अपना घर हो लेकिन वह एक सपना ही बनकर रह गया था। वे सब एक हजार रुपए देकर किराए के मकान में रहते … Read more

हम लोग भाग्यशाली हैं जो हमें समझदार बहू मिली – क़े कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

वेंकट राव और पार्वती दोनों में वाद विवाद चल रहा था। वेंकट राव ने पार्वती से चाय माँगी तो पार्वती चाय लेकर आई उन्होंने चाय की एक घूँट पी और थूक कर कहने लगे कि तुम चाय में शक्कर क्यों नहीं डालती हो। पार्वती ने कहा कि आपको शुगर की बीमारी है कल ही तो … Read more

आत्मसम्मान – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सरस्वती भगवान के सामने हाथ जोड़कर आँखों में आँसू भरकर विनती कर रही है कि हे भगवान मुझे आपने अपने पास बुलाना भूल गए हो क्या ? और कितने दिन मुझे यह सब सहना पड़ेगा । मैंने ऐसी कौनसी ग़लतियाँ की हैं जिसके कारण मेरे आत्मसम्मान को हमेशा ठेस पहुँचती रहती है । किस बात … Read more

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