सुख दुख का संगम – के. कामेश्वरी  : Moral Stories in Hindi

New Project 80

मैं घर के सामने बरामदे में बैठकर पेपर पढ़. रहा था कि मेरा पोता जो तीन साल का था मुँह फुलाकर मेरे पास आकर कहने लगा कि दादाजी आपका घर अच्छा नहीं हैं। उसे देखकर मुझे हँसी आई उसे अपने पास बुलाकर पूछा क्यों अच्छा नहीं हैं? इट्स टू हॉट । उससे मजाक करते हुए … Read more

मायके में आपके रिश्ते बने होते हैं पर ससुराल में बनाने पड़ते हैं – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

New Project 96

सौरभ रिचा के साथ कॉफी पीने आया था । कॉफी पीना तो एक बहाना ही है वह रिचा के प्रश्नों का जवाब देने वाला था । उसने गहरी साँस ली और कहा रिचा मैं तुमसे शादी करूँ तो कैसे करूँ ? तुम मेरी माँ की ज़ुबान को नहीं जानती हो वह इतनी तीखी है कि … Read more

घर वापसी – क़े कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

New Project 89

सीताराम एक छोटी सी कंपनी में नौकरी करते थे। उनकी थोडी सी तनख्वाह से ही उनके तीन बच्चों पत्नी और माँ का पालन पोषण होता था। उनकी भी ख्वाहिश थी कि एक अपना घर हो लेकिन वह एक सपना ही बनकर रह गया था। वे सब एक हजार रुपए देकर किराए के मकान में रहते … Read more

हम लोग भाग्यशाली हैं जो हमें समझदार बहू मिली – क़े कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

New Project 84

वेंकट राव और पार्वती दोनों में वाद विवाद चल रहा था। वेंकट राव ने पार्वती से चाय माँगी तो पार्वती चाय लेकर आई उन्होंने चाय की एक घूँट पी और थूक कर कहने लगे कि तुम चाय में शक्कर क्यों नहीं डालती हो। पार्वती ने कहा कि आपको शुगर की बीमारी है कल ही तो … Read more

आत्मसम्मान – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

New Project 72

सरस्वती भगवान के सामने हाथ जोड़कर आँखों में आँसू भरकर विनती कर रही है कि हे भगवान मुझे आपने अपने पास बुलाना भूल गए हो क्या ? और कितने दिन मुझे यह सब सहना पड़ेगा । मैंने ऐसी कौनसी ग़लतियाँ की हैं जिसके कारण मेरे आत्मसम्मान को हमेशा ठेस पहुँचती रहती है । किस बात … Read more

जो रिश्ते विपत्ति बाँटने के लिए बनाया जाता है वह खुद संपत्ति बाँटने के चक्कर में बँट रहे थे – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

New Project 11

लावण्या अपने कमरे में सो रही थी कहने के बदले कह सकते हैं कि वह आँखें मूँदकर लेटी हुई थी । उसके तीनों बच्चे दूसरे कमरे में बैठकर बातें कर रहे थे उन्हें लगा कि माँ को कुछ सुनाई नहीं देगा इसलिए जोर ज़ोर से अपने विचार एक दूसरे के सामने रख रहे थे । … Read more

बाबुल – के कामेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

New Project 100

विनया शादी करके ससुराल जो गई फिर मायके की तरफ़ मुड़कर नहीं देखा था । माता-पिता सोचते थे कि बिटिया वहाँ इतनी खुश है कि उसे मायके की याद ही नहीं आ रही है । चलो अच्छा है उसे ऐसा अच्छा ससुराल मिला है । विनया मायके आई नहीं थी परंतु फोन पर बातें अक्सर … Read more

परोपकारी – के . कामेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

New Project 40

ओमप्रकाश एक प्राइवेट कंपनी में काम करते  थे । उनका छोटा सा परिवार था माता-पिता , पत्नी और दो लड़कियाँ थीं । जितना भी वे कमाते थे उससे उनकी ज़िंदगी आराम से गुजर जाती थी । पिता पोस्ट मास्टर करके रिटायर हो गए थे और उन्होंने एक घर भी बना लिया था । इसलिए भी … Read more

बहन – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

New Project 77

सुनीता बाज़ार से सब्ज़ी लेकर आई और सब को फ्रिज में जमा करके सीरियल देखने के लिए टी वी ऑन करती है । उसी समय उसके फोन की घंटी बज उठी । इस समय कौन हो सकता है सोचती हुई फोन उठाने गई क्योंकि उसकी सहेलियों में सबको पता है कि सीरियल देखने के लिए … Read more

क्या कहें हमारे तो कर्म ही फूट गए जो ऐसी संतान को जन्म दी – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

moral story in hindi

शारदा घर के सारे काम ख़त्म करके टी वी देखने के लिए बैठक में पहुँची । उसके पति रघुनाथ जी ने हँसते हुए कहा कि तुम्हारे सीरियल का समय हो गया है क्या? शारदा ने हाँ में सर हिलाया और सीरियल देखने लगी तभी अचानक टी वी बंद हो गया था तो उन्होंने सोचा बिजली … Read more

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