बहू तुम मेरी बेटी की तरह हो – के कामेश्वरी   : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : सुनीता गहरी नींद में सो रही थी । उसे लगा कि जैसे कोई उसे उसका नाम लेकर पुकार रही है धीरे से उसने अपनी आँखें खोली देखा तो बाप रे यह तो सुबह के छह बज रहे थे।  वह जल्दी से उठकर फ्रेश होकर बाहर आई तो सासु माँ कह … Read more

समय हर घाव भर देता है (भाग 1) – के कामेश्वरी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : पवन माँ को लाने गाँव पहुँचा यह क्या ? दरवाज़े पर ताला लगा हुआ था ।  उसे आश्चर्य हुआ कि माँ कहाँ चली गई ? उन्होंने ख़बर भी नहीं की है ।  मैं भी अपनी व्यस्तता के चलते माँ को फोन भी नहीं कर सका था। उसने पड़ोसी के घर … Read more

माँ को पास रखना गर्व की बात है । – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : वसंता रसोई में खाना बना रही थी कि बेल बजी । उसने सोचा बच्चों को स्कूल बस में अभी चढ़ाकर आ रही हूँ विजय ऑफिस के लिए निकल गए हैं तो कौन हो सकता है सोचते हुए दरवाज़ा खोलती है तो सामने जिठानी नमिता जी खड़ी थी जल्दी से उनके … Read more

ये तो मेरा फ़र्ज़ था – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : विनीता सरकारी ऑफिस में नौकरी करती थी । यह नौकरी उसे पति के मरने के बाद मिली थी । वे बहुत ही छोटी सी उम्र में ही उसे और रतन को छोड़कर चले गए थे । उसने अपने बेटे को पढ़ा लिखाकर अमेरिका भेजा यह उसकी ही मर्ज़ी थी । … Read more

खानदान – के कामेश्वरी  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सुरेखा की आँखें बरस रहीं थीं उनकी आँखों से नींद कोसों दूर थी । उन्हें बार-बार दोपहर की घटना याद आ रही थी जब ड्राइवर बहूको बता रहा था कि साहब को पुलिस ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है और कस्टडी में ले लिया है । उन्हें नहीं … Read more

माता-पिता का प्यार – के कामेश्वरी  : Moral Stories in Hindi

प्रणति और हरिप्रसाद मध्यम वर्गीय परिवार के थे । हरिप्रसाद सरकारी स्कूल में गणित पढ़ाया करते थे । उनकी शादी के दो साल बाद उनके घर पुत्र का जन्म हुआ। उसका नाम आदित्य रखा ताकि सूर्य की तरह वह चमकता रहे । उसी समय उन्होंने सोच लिया था कि अपने बेटे को बहुत पढ़ा लिखाकर … Read more

“जाने कब ज़िंदगी में कौन सा मोड़ आ जाए ये कोई नहीं जानता” – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

पूरब पढ़ा लिखा होनहार लड़का था। पिता की मृत्यु के बाद माँ ने ही पाल पोसकर बड़ा किया था । आज अपने दम पर उसने सरकारी नौकरी पाई थी । नौकरी करते हुए दो साल हो गए थे।  उसकी माँ उसके पीछे पड़ गई थी कि नौकरी करते हुए तुझे दो साल हो गए हैं … Read more

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जब मैंने कोई गलती नहीं की है तो बर्दाश्त क्यों करूँ – के कामेश्वरी: Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : श्रीजा जब दसवीं में स्टेट फस्ट आई तो घर में माता-पिता उतना ख़ुश नहीं हुए जितना कि स्कूल और बाहर के लोग खुश हुए थे ।  उनकी भी गलती नहीं है एक तो ग़रीबी दूसरी उनकी तीन बेटियाँ थीं । उनकी शादियाँ कराना है तो पहले श्रीजा को पार लगाना … Read more

माँ का घर – के कामश्वरी : hindi stories with moral

hindi stories with moral : शारदा काम ख़त्म करके बैठक में बैठकर पेपर देख रही थी । उसी समय गेट के खुलने की आवाज़ आई तो उठकर देखने गई थी कि कौन आया है देखा तो उसे आश्चर्य हुआ कि बड़े भाई शंकर थे । उनके हाथों से बैग लेकर उन्हें सादर सहित घर के … Read more

संस्कारहीनता – के कामेश्वरी  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : जज साहब स्वाति मेरी इकलौती संतान है मैंने इसके लिए क्या नहीं किया है । तीस हज़ार रुपये वेतन में भी मैंने इसकी हर ज़रूरतों को पूरा करने की कोशिश की है । आपको मालूम है जज साहब मेरे लिए पाँच सौ रुपये का शर्ट ख़रीदता हूँ और उसका ड्रेस … Read more

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