दो बहुओं के बीच नफ़रत की दीवार – गीतू महाजन : Moral Stories in Hindi

दर्शना जी और उनके पति दीपक जी मेज़ पर बैठे नाश्ता कर रहे थे। उनके दोनों बेटे नाश्ता कर और टिफिन लेकर फैक्ट्री के लिए निकल चुके थे।बड़ी बहू नीरजा उन्हें परांठे परोस रही थी और छोटी बहू काजल ने चाय चढ़ा रखी थी।  दर्शना जी का संयुक्त परिवार था। दोनों बेटे अपने पापा के … Read more

मायके की तुलना – गीतू महाजन : Moral Stories in Hindi

छोटी बहू की डोली आंगन में आ चुकी थी।नलिनी जी बाकी औरतों के साथ घर के द्वार पर बहू के स्वागत के लिए आ गई थी।प्यार से बहू को घर के अंदर लेकर आई और बाकी सारी रस्में निभाकर वह अब मन ही मन बहुत खुशी और संतोष अनुभव कर रही थी।उन्हें लग रहा था … Read more

सुलोचना मां – गीतू महाजन’ : Moral Stories in Hindi

सुबह से ही व्यस्त सुलोचना जी सारे कामों की निगरानी अच्छे से कर रही थी।बार-बार घड़ी की और देखते उनकी नज़र मेहमानों की लिस्ट पर भी बहुत बार घूम चुकी थी।’कैसे होगा सब’ यही सोचकर उनके हाथ और तेज़ी से कम कर रहे थे।हालांकि..बच्चे कई बार फोन पर कह चुके थे कि उनकी सारी तैयारी … Read more

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