अखंड सौभाग्यवती रहो – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 पति नारायण और पत्नी पदमा। दोनों सरल हृदय, निस्वार्थी, परोपकारी और मधुर व्यवहारवाले थे।उनका इकलौता पुत्र राघव बिल्कुल उन्ही पर गया था।   नारायण और पदमा दोनों को जब भी मौका मिलता, दूसरों की मदद करते, कभी गरीबों को भोजन करवाते कभी गरीब लड़कियों के विवाह में सहायता करते तो कभी किसी को मुफ्त में दवाइयां … Read more

आप कौन? – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 सुंदरलाल  और उसकी पत्नी रेखा दो बेटे रोहन और सोहन, एक प्यारी सी बिटिया सबसे छोटी रश्मि। कुल मिलाकर एक सुखी परिवार। सुंदरलाल की एक रेडीमेड कपड़ों की दुकान थी जो की फैशन के हिसाब से बहुत बढ़िया चलती थी।   तीनों बच्चे पढ़ाई में बहुत बढ़िया नहीं थे। जैसे तैसे दोनों बेटों ने  12वीं कक्षा … Read more

सुख दुख का संगम – गीता वाधवानी  : Moral Stories in Hindi

आज राधिका आदित्य के साथ ब्याह करअपनी ससुराल आ गई थी।वह एक संयुक्त परिवार से थी और उसका विवाह भी एक बहुत बड़े परिवार में हुआ था।  विवाह के कुछ समय उपरांत ही उसे एहसास हुआ कि उसकी ससुराल में बहुत सारे लोग हैं लेकिन उन में आपस में कोई प्यार नहीं है।  उन लोगों … Read more

आत्मसम्मान की जीत – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

चंद्रकांत और विमला जी की दो बेटियां थी। बड़ी मालिनी और छोटी नलिनी। छोटी को सब प्यार से नीलू कहते थे। चंद्रकांत जी इतना कमा लेते थे कि आराम से घर चल जाता था। फालतू खर्च और अधिक सुख सुविधाएं नहीं थीं।  एक बार मालिनी को ऐसा बुखार आया कि जाते-जाते मालिनी को भी साथ … Read more

बाबुल का दिल – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

“रंजना ,ओ रंजना! सुनो जरा जल्दी इधर आओ भई।”नरोत्तम जी खुशी से चहकते हुए बोले।  रंजना -“हां हां बोलिए क्या हुआ? बड़े खुश दिख रहे हैं।”  नरोत्तम-“मुंह मीठा करवाओ। गुप्ता जी ने हमारी अनुराधा के लिए बहुत अच्छा रिश्ता बताया है।”  रंजना -“गुप्ता जी? वही जो रिश्ते करवाते हैं?”  नरोत्तम-“हां हां वही”  रंजना -“रिश्ता बताया … Read more

घर लौट जाओ – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

25 वर्षीय माधुरी अपने पति के ऑफिस से आने से पहले ही शाम के धुंधलके में घर से निकल पड़ी और ऑटो से रेलवे स्टेशन पहुंच गई। वहां पर मुंबई जाने वाली ट्रेन खड़ी थी। पूछने पर पता लगा, ट्रेन के चलने में अभी काफी समय है।       माधुरी चुपचाप जाकर एक बेंच पर बैठ गई। … Read more

हक खो दिया है – गीता वाधवानी  : Moral Stories in Hindi

पूनम और विवेक, मध्यम वर्गीय मध्यम आय वाले पति पत्नी। एक बेटा गौरव और बिटिया सुरभि। एक खुशहाल परिवार। विवेक का सपना था कि वह भविष्य में गौरव को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजे और सुरभि को भी खूब पढ़ा लिखा कर आर्थिक रूप से मजबूत बनाए और फिर दोनों की शादी भी अच्छे … Read more

झूठी इज्जत – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

मीनाक्षी दोपहर  बाद राजमा उबलने के लिए रख ही रही थी कि तभी डोर बेल बजी। वह जल्दी से कुकर गैस पर रखकर दरवाजा खोलने गई। दरवाजे पर उसके जेठ नंदलाल और जेठानी मंदिरा खड़ी थी।  उसने दोनों को अंदर आने के लिए कहा। अंदर आने पर उसने उनके पांव छुए और बैठने के लिए … Read more

हिटलर मत बनो – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

आज से लगभग 20 वर्ष पहले सुगंधा का विवाह सुनील से हुआ था। सुगंधा एक छोटे से शहर से मुंबई जैसे बड़े शहर में विवाह उपरांत आ गई थी। वह बहुत सीधी और संस्कारी थी। उसने अपने बड़ों से यही सीखा था कि पलट कर जवाब नहीं देना चाहिए और यदि सामने वाला बहुत गुस्से … Read more

चांद पर दाग  – गीता वाधवानी   : Moral Stories in Hindi

अपनी बेटी साक्षी को विवाह के उपरांत विदा करके रवि अंदर आकर रोने लगा।  उसकी मां जानकी ने कुर्सी पर बैठते हुए  रवि को अपने पास बिठाया और समझाने लगीं -” पगले, आजकल तो लड़कियां भी विदाई के समय रोती नहीं है और तू और तेरी साक्षी कितना रो रहे थे और तू तो अभी … Read more

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