पार्टी बदल ली – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 आज संध्या सोच में डूबी हुई थी कि अचानक मम्मी पापा के एक्सीडेंट में गुजर जाने के बाद मैं अपने छोटे भाई सचिन को उसकी मां बनकर पाला। अपनी पढ़ाई के साथ-साथ उसकी पढ़ाई का भी ध्यान रखा। ट्यूशन पढाकर और पापा की थोड़ी बहुत जमा पूंजी से घर खर्च और पढ़ाई का खर्च चलाया,लेकिन … Read more

भाई बहन का स्नेह बंधन – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 आज रक्षाबंधन है। 17 वर्षीय सलोनी सुबह से ही अपनी मम्मी के साथ रसोई में काम करवा रही थी और तरह-तरह के व्यंजन बनाए थे, वैसे वह भले ही देर से उठती हो पर राखी वाले दिन तो उसका उत्साह देखते ही बनता था और फिर आज तो उसके मामा मामी भी यही आ रहे … Read more

बढ़बोली ननद – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 आज रमोला जी की सबसे छोटी बेटी कुंती का विवाह था। कुंती बहनों में सबसे छोटी पांचवें नंबर की बहन थी। उसके दो बड़े भाई थे। वे दोनों भी विवाहित थे।   कुंती का विवाह सुखपूर्वक संपन्न हुआ। कुंती के पिता का कुछ समय पहले ही देहांत हुआ था और उसकी माँ रमोला अक्सर बीमार रहती … Read more

रसीली बाई – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 मुन्नी बाई का मशहूर कोठा, और कोठे की आन बान और शान रसीली बाई। वैसे उसका असली नाम रश्मि था लेकिन वह खुद इस नाम को कब का भूल चुकी थी।   हर एक बाई की तरह उसकी भी यही दर्द भरी कहानी थी कि कोई अपना पैसे की  लालच में उसे वहां बेच कर गया … Read more

ममतामयी बड़ी बहू – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

सरस्वती देवी का भरा पूरा परिवार था। बड़ा बेटा मुरली और उसकी पत्नी राधा, और उनके दो बेटे। मंझला बेटा कपिल और उसकी पत्नी कावेरी, छोटा बेटा नयन और उसकी पत्नी नेहा। मंझले बेटे के तीन बच्चे थे, दो बेटियां और एक बेटा और छोटे वाले बेटे के दो बेटियां थी। सरस्वती देवी के पति … Read more

निशा – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 आज बहुत लंबे अंतराल के बाद निशा अपनी छोटी बहन नंदिनी के घर आई थी हालांकि उनके घर के बीच में केवल 1 घंटे का रास्ता था। न जाने कब से नंदिनी उसे अपने यहां बुला रही थी “दीदी आ जाओ परिवार सहित, आप हमेशा अपने घर बुलाती रहती हो, आप भी तो कभी हमारे … Read more

दर्द भरी आंखें – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

फोन बज रहा था। सुशीला जी ने फोन उठाया। उनके हेलो बोलते ही उधर से आवाज आई। आवाज सुनकर सुशीला  जी ने खुशी से कहा-” अरे दामाद जी,आप कहिए घर पर सब ठीक है। अनीता कैसी है, और दोनों बच्चे प्रफुल्ल और प्रियंका। आपकी माताजी ठीक है।”    उधर से उनके दामाद केशव ने कहा-” हां … Read more

ढलती सांझ का सूरज – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 जैसे दिन समाप्त होने पर ढलती सांझ आ जाती है और फिर रात्रि।इसी तरह जवानी बीत जाने पर बुढ़ापा आता है और वह ढलती सांझ की तरह होता है इसी ढलती सांझ के दो साथी थे एस के यानी सुंदर कुमार और जुगल कपूर। दोनों पक्के दोस्त थे।   दोनों रिटायर हो चुके थे और सुबह … Read more

घर की इज्जत – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

चंडीगढ़ के गांव में रहने वाली निर्मला देवी के दो पुत्र थे। बड़ा बेटा निरंजन और छोटा आशीष। निरंजन की पत्नी का नाम पायल था और उनके दो बच्चे थे। आज आशीष का विवाह निकिता से संपन्न हुआ था। निकिता को सब निक्की कहते थे। आज निक्की बहू बनकर निर्मला देवी के घर आ गई … Read more

बड़े दिल वाली – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

अल्पना कुछ दिनों से अपने पति विजय की बेरुखी को नोटिस कर रही थी। वह काफी दिनों से उसकी तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा था और ना ही बच्चों की तरफ ध्यान दे रहा था।   सारा समय हीरो की तरह तैयार होकर अपने सैलून  में पड़ा रहता था। एक तरफ अल्पना का ब्यूटी पार्लर … Read more

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