जैसे तो तैसा – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : – राघव का सारा चेहरा आंसुओं से भीग रहा था,उसे रहरह कर अपनी गलतियां ध्यान आ रही थीं पर अब उनसे बचने का कोई रास्ता नहीं था सिवाय उसके दुष्परिणाम भुगतने के। दूर आश्रम में अपने गुरुजन के सानिध्य में बैठा,गौ सेवा करता ,वो सोच रहा था कि कोई सहसा … Read more

पछतावा- संगीता अग्रवाल: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बहुत दिनों बाद मिले थे वो दोनो,”कितनी पक्की दोस्ती हुआ करती थी कभी हमारी और आज देखो!अचानक मिल गए..” रंजन ने निशांत को गले लगाते कहा। कितना बदल गया है तू?पहचान ही नहीं आ रहा था,तबियत ठीक नहीं क्या?सब ठीक?? हम्मम.. बुझे स्वर में निशांत बोला,चल रही है जिंदगी…। रंजन … Read more

आखिर गलती समझ आई – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : शगुन की नई नई शादी हुई थी विमल से,ससुराल में सब बहुत अच्छे थे,भरा पूरा परिवार था,सास,ससुर,देवर ,जेठ जेठानी और एक शादीशुदा नन्द,नंदोई। सब शगुन को बहुत प्यार और सम्मान करते,वो भी खुश रहती थी पर कई दफा विमल के साथ जिस एकांत को वो शुरू से चाहती थी वो … Read more

फर्क – डॉ संगीता अग्रवाल : hindi stories with moral

hindi stories with moral : कैसी बात कर रही हैं आप भाभी?हमारा घर होते आप बाहर रहेंगी?आपने ये सोचा भी कैसे,खून के रिश्ते अभी इतने कमजोर नहीं पड़े हैं भाभी…रिचा ने कहा तो उसकी भाभी आरती के आंसू बह निकले। मुझे माफ कर दें रिचा दीदी,आप महान हैं,एक मैंने आपसे व्यवहार किया था,कोई और होता … Read more

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टाट का पैबंद – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

सुमी! सुमी!सुनो यार!कहां बिजी हो? चिराग ने घर में घुसते ही अपनी पत्नी सुमी को बुलाया। तभी उसकी मां दया सामने आई,”पार्लर गई है,आती होगी अभी,दो घंटे हो गए हैं।” ठीक है!ठीक है मां,बेरुखी से बोलता वो कमरे में घुस गया। मैंने कुछ गलत बोल दिया क्या?मां आश्चर्य में सोचती रह गई। तभी सुमी लौट … Read more

पढ़ी लिखी -डॉ संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

उमेश ने रुचि से  लव मैरिज की थी, दोनों साथ ही पढ़ते थे कॉलेज में,रुचि बहुत प्रतिभाशाली थी,हमेशा टॉप पर रहती,उमेश से आगे ही रहती हमेशा,दोनो की शुरू से दोस्ती थी और फिर वो प्यार में बदल गई। रुचि एक अमीर परिवार की   शहरी लड़की  थी,उसके पापा बड़े बिजनेसमैन थे,वो हालांकि उमेश से उसकी … Read more

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गलती किसकी? – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

जैसे ही रोहन घर में घुसा तो मां के चीखने की आवाज़ आ रही थी, ओह!फिर शामत आ गई नेहा की ,लगता है,आज फिर कोई गलती कर दी उसने। क्या हुआ मां?क्यों लाल पीली हो रही हैं?कितना बुरा लगता है आपकी चीखने की आवाज़ घर के बाहर तक जा रही हैं…। ये बात अपनी बीबी … Read more

एहसास- डॉ संगीता अग्रवाल: Moral Stories in Hindi

राखी एक पढ़ी लिखी,इंडिपेंडेंट लड़की थी,खुद कमाती और खूब खर्च करती,एकदम मस्त रहती। बाकी सब तो ठीक था पर शादी का नाम सुनते ही बिदक जाती। उसके मां बाप परेशान थे,ये ऐसा क्यों करती है,अक्सर उसकी मां उसे समझाती कि शादी बिना इस जीवन का क्या मतलब है,हम कुछ दिन बाद नहीं रहेंगे फिर अकेले … Read more

मेरा अपना घर – डॉ संगीता अग्रवाल : hindi stories with moral

hindi stories with moral : ये श्रेया को क्या हो गया है आजकल,बहुत उखड़ी सी रहती है..आपसे कोई बात हुई क्या भैया? विनीता ने अपने देवर रोहित से पूछा। हां…महसूस तो मैंने भी किया था पर फिर सोचा कि शायद डिपार्टमेंटल कोई टेंशन होगी उसे ..देखता हूं किसी दिन बात करूंगा। रोहित और श्रेया की … Read more

दूध का जला – डॉ संगीता अग्रवाल: Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : निष्ठा! क्या बात है,अब तुम बात बात पर सबसे बहुत रूड हो जाती हो,पहले तो ऐसी कभी नहीं थी,कुछ हुआ क्या तुम्हारे साथ?जीवन ने पूछा। नहीं तो..निष्ठा ने टाल दिया था उसे,बिना बात ये परेशान होगा ये सोचकर। जीवन कई दफा पूछ चुका था निष्ठा से पर वो हमेशा उसे … Read more

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