अपने तो अपने होते हैं – डॉ ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

 “पारुल! तुम्हें पचास बार मना किया है न कि पड़ोस की औरतों की पंचायत में मत बैठा करो पर तुम्हें समझ नहीं आता। न तो तुम्हें घर की ज़िम्मेदारियों से कोई मतलब है और न ही बच्चों की पढ़ाई से। जिम्मेदारियों का मतलब सिर्फ भोजन बनाना और कपड़े धोना ही नहीं होता। सफाई-बर्तन के लिए … Read more

अपमान बना वरदान – डॉ ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

    सुनयना क्या करे? कहाँ जाए? भगवान ने विवाह के चार वर्ष पश्चात एक संतान दी मगर तमाम सतर्कता, सावधानी बरतने के बाद भी न जाने कैसे सोहम पोलियो की चपेट में आ गया। समय पर पोलियो की ड्रॉप्स भी पिलाई गई थीं पर शायद भगवान को यही मंज़ूर था कि सोहम अपने पैरों पर कभी … Read more

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