पापा मैं छोटी से बड़ी हो गई क्यों – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

राधा…. ओ राधा। अरी कहां है सारा दिन मौहल्ले के बच्चों के साथ धमा-चौकड़ी मचाती फिरती है। पिता का स्वर सुनकर 13 बर्ष की राधा को घर के भीतर आना ही पड़ा। “अरी ब्याह की उम्र हो चली है तेरी अगले माह लगन है”। पास-पड़ोस के लोग ताने मारने लगे हैं , लड़की घर में … Read more

“आखिरी फैसला” – डा० बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

जिंदगी में कभी-कभी ऐसे मोड़ आते हैं जब हर रास्ता बंद सा लगता है। दिल कुछ कहता है, तो दिमाग कुछ और। ऐसी ही कश्मकश में फंसी हुई थी राधा। उसके जीवन में समस्याओं की एक लंबी फेहरिस्त थी। लेकिन आज, वह खुद को कमजोर नहीं, बल्कि मजबूत महसूस कर रही थी। उसके हाथों में … Read more

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