अपमान बना वरदान -डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

“कब तक— कब तक मेरी छाती पर मूंग दलती रहेगी– कमबख्त– मरती भी नही है–” दादी कोसे जा रही थीं शोभा को।शोभा बीस वर्षीय युवती जिसने लड़कपन में ही वैधव्य की चादर ओढ़ ली थी –अपने निर्धन माता पिता के कारण।घर में रोटी के भी लाले थे– दादी,चार बहनें और रुग्ण पिता– माँ थोड़ा बहुत … Read more

भाभी – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

“अम्मा— देखो ना हमारी भाभी कितनी सुन्दर है– भगवान ने हमें भाभी के रूप में सुन्दर उपहार दिया है– अम्मा– हम सब भाई बहन भाभी को बहुत प्यार करेंगें,” सुनंदा कहे जा रही थी अपनी अम्मा से।आठ साल की छोटी सी बच्ची– लेकिन उसे अपनी नवब्याहता भाभी बहुत अच्छी लगीं।और भी भाई बहन थे लेकिन … Read more

सौम्या – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सौम्या– यथा नाम तथा गुण– जैसा उसका नाम था उसका व्यवहार भी वैसा ही सौम्य और शालीन था।वह एक भरे पूरे परिवार से थी ।जहाँ बच्चा बचपन से ही देख देखकर सब बातें सीख जाता है– उसमें व्यावहारिकता आ जाती है– ऐसे ही परिवेश की थी सौम्या।उसका विवाह माधव के संग हुआ। माधव का एक … Read more

मन का रिश्ता – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

“ऊँची ऊँची पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा– चहुँओर हरियाली का श्रृंगार किये– कौसानी की एक अलग ही मनोरम छटा– जो देखता वो मनमुग्ध होजाता– अपने को ही विस्मृत कराने की कला थी –अद्भुत पर्वतीय प्रदेश कौसानी में।वहीं रहता था कामिनी का परिवार– पहाड़ों की शैली में रमा हुआ– वो ही पारम्परिक परिधान– साज सज्जा सब वहीं … Read more

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