मैं भी इस घर का हिस्सा हूं,मुझे भी थोड़ा स्नेह पाने का अधिकार मिलना चाहिए……. – सिन्नी पांडे : Moral Stories in Hindi

संध्या दांत दर्द से कराहते हुए अपने कमरे में लेटी थी। दांत दर्द के कारण उसके आधे सर में भी दर्द था। सुबह ऑफिस जाते वक्त नितिन ने उसे चाय और ब्रेड बनाकर खिला दिया था और दवा दे दी थी। दांत में दर्द के अलावा संध्या के होंठ में अंदर की तरफ एक छाला … Read more

पिया जी मैं तो आपको छोड़कर न जाती – सिन्नी पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

मंजरी का विवाह एक सम्पन्न परिवार में हुआ था,वह बहुत खुश थी। चूंकि वो एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से थी,तो उसके लिए यह शादी किसी सपने के पूरी होने जैसे थी।वो अपने को बहुत किस्मतवाली मानती थी । वह सुबह जल्दी उठने से लेकर घर के सारे कार्यों की ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ले चुकी थी। … Read more

“समय रहते रिश्तों की कदर करनी चाहिए,सबको प्रायश्चित का मौका नहीं मिलता” – सिन्नी पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

मीनाक्षी की शादी की तैयारियां चल रही थीं। मीनाक्षी देखने में आकर्षक, गोरा रंग,घुंगराले बाल और सुडौल काया की स्वामिनी थी। पर इसके विपरीत स्वभाव से बेहद तेज़ तर्रार थी। अगर कोई बात उसके मन की होती तो ठीक वरना समझो आसमान सर पे उठा लेती थी। फिर उसको बड़े छोटे का फर्क नही समझ … Read more

“तुम्हारी पत्नी से कोई विधिवत काम नहीं होता बेटा” – सिनी पांडे : Moral Stories in Hindi

विधि के बेटे आरुष की कक्षा 3 की परीक्षाएं चल रही थीं, तो वो अपने बेटे को जगाकर उसका टिफिन, बोतल सब यथास्थान रख रही थी| दूसरी तरफ उसका छोटा बेटा अभिराज भी सोकर उठ गया तो उसके लिए भी दूध बनाना था| वैसे भी सुबह के समय हर घर में काम ज़्यादा होता है … Read more

“सासूजी मैंने मान लिया कि बहू कभी बेटी नहीं बन सकती” – सिनी पांडे : Moral Stories in Hindi

मुस्कान अपने माता पिता की सबसे छोटी बेटी थी।देखने मे सुंदर,गोरा रंग,शर्मीला स्वभाव,संस्कारी आचरण-उसके व्यक्तित्व को आकर्षक बनाते थे। मुसकान का संयुक्त परिवार था।उसके पिता का बड़ा व्यवसाय था तो उसके लालन पालन में कोई कमी नही रखी गयी थी। घर में सबकी लाडली थी वो। अपने दादी बाबा की चहेती,माँ की जान,चाचा चाची की … Read more

“सासू मां मैंने मान लिया कि बहू कभी बेटी नहीं बन सकती”- सिन्नी पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

मुस्कान अपने माता पिता की सबसे छोटी बेटी थी।देखने मे सुंदर,गोरा रंग,शर्मीला स्वभाव,संस्कारी आचरण-उसके व्यक्तित्व को आकर्षक बनाते थे। मुसकान का संयुक्त परिवार था।उसके पिता का बड़ा व्यवसाय था तो उसके लालन पालन में कोई कमी नही रखी गयी थी। घर में सबकी लाडली थी वो। अपने दादी बाबा की चहेती,माँ की जान,चाचा चाची की … Read more

धन्यवाद भाभी ! आपने मेरा स्थान मायके में सहेज कर रखा…. – सिन्नी पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

रुपाली अपने बड़े भाई यश की शादी में जाने की तैयारियों में लगी हुई थी। पर खुशी के साथ साथ उसके मन में एक अजीब सा डर और असुरक्षा की भावना भी हिलोरें मार रही थी। बात ऐसी थी कि रुपाली की परवरिश एक संयुक्त परिवार के बीच रहकर हुई थी जिसमे उसके दादा दादी, … Read more

“मेरे आत्मसम्मान को यूं मत झकझोरो सासू मां ” – सिन्नी पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

नीतू बाथरूम से नहा कर निकली तो लाइट बन्द करना भूल गई, वह पूजा कर रही थी तभी उसकी सास कमलाजी ने बड़बड़ाना शुरू किया कि “बत्ती ऐसे जलाकर छोड़ देती है जैसे बिजली मुफ्त में आती है, बिल भरना पड़े तो पता चले”| नीतू मायूस होकर सुनती रही, पूजा करते हुए उसकी ऑंखें भर … Read more

बच्चे को मत डांटो, इसमें गलती बहू की है…- सिन्नी पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

मयूरी अपने 7 साल के बेटे अमय को खाना खिलाने बैठती तो उसके हाथ में मोबाइल फोन ज़रूर पकड़ा देती थी। इस चक्कर में अमय एक जगह बैठकर खाना खा लेता वरना तो मयूरी को पूरे घर के चक्कर लगाने पड़ते तब भी उसको पूरा खाना न खिला पाती थी। जब भी मयूरी की सास … Read more

बहू तो अच्छी थी,खराब तुमने कर दी भाभी…. – सिन्नी पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

देवकी अपने मायके लगभग तीन साल बाद आई थीं। पोते पोती घर से निकलने नहीं देते थे। इस बार उनकी बहू अपने मायके गई, तो बोली “मम्मी जी आप भी अपने मायके हो आइए कब तक इन लोगों के चक्कर में कहीं नहीं जाएंगी”,तो देवकी ने फौरन अपने मायके आने का प्रोग्राम बना लिया। देवकी … Read more

error: Content is Copyright protected !!