पिघलती बर्फ – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आज फिर शांति बुआ आनेवाली थी,मैं तो खुश था,पर मम्मी अशांत थी।शांति बुआ यूँ तो हर वर्ष 15-20दिनों के लिये आती ही थी,मेरी उनसे खूब पटती थी,मैं उनसे भगवान राम,कृष्ण लीला एवं रावण,कंस वध आदि आदि की कहानियां सुना करता,मुझे ये कहानियां सुनने में खूब मजा आता था,बुआ भी खूब चाव से सुनाती थी। उन्हें … Read more

 अपना धन-पराया धन – बालेश्वर गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

 सुनो विवेक,मेरा रिज़र्वेशन कैंसल करा दो,मैं मम्मी के यहां नही जा रही हूँ। क्यों क्या हुआ शालिनी?तुमने ही तो कहा था,बहुत दिन हो गये, भैया भाभी,मम्मी के पास गये।तुम क्या देख नही रहे हो,माँ को परसो से बुखार है,भला ऐसे में मैं कैसे जा सकती हूँ? अरे माँ के पास तो शिखा आ जायेगी।उनकी बेटी … Read more

वरदान – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    अरे बबुआ कब तक यूँ ही निट्ठल्ला  पड़ा रहेगा।घर से निकल, जा कही कोई  नौकरी वोकरी ढूंढ।      मैं क्या करूँ बापू?सब जगह दरख्वास्त भेज रहा हूं, पर नौकरी मिलना तो दूर,कोई इंटरव्यू को भी नही बुला रहा।        तो बबुआ एक काम कर तू नोयडा चला जा।वहां छीलेरा गावँ में तेरा चाचा रहवै है, वो तुझे  … Read more

*एक दूजे के लिये* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 पूजा नही आयी ना, माँ?मन नही मानता वह इस प्रकार मुँह मोड़ लेगी।        बेटा, तू उसका ख्याल छोड़ दे।सपने सभी सच हो ये जरूरी तो नही।बस तू जल्द ठीक हो जा,बेटे।       मैं क्या करूँ माँ?पूजा का चेहरा मेरी आँखों के आगे से हटता ही नही।कहते कहते सचिन बिलख पड़ा।       माँ ने सचिन को अपने मे … Read more

नया सवेरा – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 देखो सुजीत, पापा अब रिटायर हो गये हैं, मैं इस उम्र में अब उन्हें अपने पास रखना चाहता हूँ।यहां अकेले रहेंगे ये उचित नही होगा।    ठीक है भैय्या ऐसा करते हैं, पापा को आप अपने पास रख लो और मम्मी को मैं अपने साथ ले जाता हूँ।       नहीं-नहीं, दोनो अलग अलग कैसे रह सकते हैं,ये … Read more

*पहली मुस्कान*- बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  बताओ ना चाचा मेरे साथ ही ऐसा सब क्यूँ होता है?अभागन हूँ ना,तभी तो?        अरे, नहीं-नहीं मेरी बच्ची,कौन कहता है तू अभागन है,देखना तेरे भाग से सब ईर्ष्या करेंगे।भगवान सब ठीक कर देंगे।        चाचा,मेरे मन को तस्सली दे रहो ना,जबकि आप जानते हो,मेरे आगे आगे मेरा दुर्भाग्य ही चलता है।चलना भी सीखा नही था कि … Read more

सीमालोघन रामू का – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  हे, पार्वती,तू तो चली गयी,और मुझे छोड़ गयी, इस जलालत भरे जीवन भोगने को।मैं इतना कमजोर क्यूँ हूँ, जो मरने से डर जाता हूँ।      पत्नी के फोटो के सामने खड़े शंकरलाल, ऐसे ही अक्सर अपनी पीड़ा अपनी स्वर्गीय पत्नी के फोटो के सामने व्यक्त करते रहते।बिल्कुल चुपचाप कमरे को बंद करके।पर कमरे की खिड़की से … Read more

नयी कहानी – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  अरे,ये कौन है,किसने मेरी आँखें बंद की है।ये तो मेरा शैतान बच्चा लगता है।        हूँ-हूँ, दादू आप मुझे हर बार पहचान लेते हैं।क्या आपके पीछे भी आंखे हैं?       मेरे बच्चे, दादू के चारो तरफ आंखे हैं, पर वे तुझे ही देख पाती है।     दादू दादू आज तो आपको मुझे कोई कहानी सुनानी ही पड़ेगी।और हां … Read more

जीवन का जहर – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 जीवन है अगर तो जहर पीना ही पड़ेगा         मदर इंडिया फ़िल्म का यह गाना कानो में गूंज रहा था,और सरला की जीभ पर तो आज मानो सरस्वती मां विराजित हो गयी थी,बहुत ही कम बोलने वाली सरला को इतना मुखर पहले कभी भी किसी ने नही देखा था।       देखो मैं मानती हूं बुरे समय मे … Read more

*नयी सुबह* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

अरे, बहन तुम तो प्रैग्नेंट हो,कैसे ऊपर की बर्थ पर चढ़ोगी,तुम्हे कोशिश भी नही करनी चाहिये।देखो मेरी बर्थ नीचे वाली है, तुम इस पर लेट जाओ,मैं ऊपर चली जाती हूँ।      बहन जी आपकी बड़ी मेहरबानी, मैं कहते झिझक रही थी।      आपके पति साथ नही आये।आपको सामान आदि रखने उठाने में परेशानी नही होगी क्या?         मैं … Read more

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