नीयति का खेल – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    अबोध तीन वर्षीय अनिकेत समझ ही नही पा रहा था,कि उसके साथ ये क्यों हो रहा है?पापा बोले थे कि अन्नू देख ये तेरी नयी मम्मी।मम्मी शब्द सुन अन्नू चौंका, उसे लगा मम्मी आ गयी,पर ये तो कोई और है,इसीलिये उसमें कोई उत्साह नही हुआ।पापा ने अन्नू को फिर समझाया, बेटा पहले वाली मम्मी तो … Read more

*हटना आवरण का* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    शादी तय होते ही मम्मी ने समझाना शुरू कर दिया था कि बेटी हर हाल में तुझे अवनीश के साथ अपनी सास से अलग होना है।अवनीश का दूसरा भाई है तो सास उसके पास रह सकती है।       जब पहली बार मम्मी ने मालिनी को यह समझाया तो उसे बड़ा अजीब सा लगा।उसे लगा था कि … Read more

*निःशब्द त्याग* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  जानकी, तुम?कितने बरस बाद दिखाई दी हो? कहाँ खो गयी थी? नही-नही, मुझे तुमसे यह पूछने का अधिकार नही है,मैं ही कायर निकला, तुम नही खोयी थी,मैंने ही तुम्हे खोया था।       बीती बात छोड़ो रमेश,बताओ तुम कैसे हो?तुम्हारी गृहस्थी कैसी चल रही है?       रमेश और जानकी में होश संभालते ही परस्पर आकर्षण पैदा हो गया … Read more

*उड़ी चेहरे की रौनक* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 सुन रामदीन,देख तू अपना दोस्त है,इसलिये तुझे आगाह करूँ हूँ, तू अपनी छोरी को संभाल।      क्यूँ क्या हुआ रौनक?मेरी कमली ने ऐसा क्या कर दिया है?       अरे, वो अपने मुंशी जी हैं ना,उसके बेटे से वह नैन मटक्का कर रही है।      गलत,मेरी कमली ऐसा कर ही नही सकती,अरे उसे तो अपनी पढ़ाई से ही फुरसत … Read more

*अहम* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

      दादा जी-दादा जी,क्या हो गया है आपको?हे भगवान घर मे कोई है नहीं, कैसे दादा जी को संभालू?       अरे हाँ, माँ एक बार कह रही थी कि बच्चे और बुजुर्ग की देखभाल में अंतर नही होता।माँ ने भी दादा की ऐसा ही समझ कर सेवा की थी।अधिक सोच विचार न कर शालू तुरंत अपने पति … Read more

स्वच्छंद परिंदा – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 कितना बदल गया है मुन्ना,अपने बाप का इतना तिरस्कार?कैसे रहूं इसके साथ?प—र- इस उम्र में जाऊं भी तो कहाँ?किसी वृद्धाश्रम में ही जाना ठीक होगा।हां-ये ही ठीक रहेगा।पर कौनसे वृद्धाश्रम में-कैसे पता लगाऊं?ऐसे ही सोचते सोचते शांतिशरण जी की आंख लग गयी।सोते सोते भी सपने में वही मुन्ना का व्यवहार ,घटना चित्रपट के समान तैर … Read more

*असीम प्यार* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  इतनी बड़ी बात मुझसे छिपा ली।राजू एक बार कम से कम एक बार तो बताया होता।इतना बड़ा कदम उठा लिया,और मुझे पता भी चलने नही दिया।        अपने आप से बात करते करते जगदीश प्रसाद जी रो पड़े।उनके आंसू रुकने का नाम ही नही ले रहे थे।         जगदीश प्रसाद जी एक मध्यम वर्ग के सामान्य व्यापारी … Read more

*जीवन मंत्र* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

       मम्मी,ये भाभी दूसरे तीसरे दिन कहाँ जाती हैं, क्या आपको पता है?      बिटिया,अब जमाना ही ऐसा आ गया है, बहू आते ही खुद मुख्तार हो जाती है।कहाँ जाना है,क्या करना है,ये बता दे तो भी बहुत बड़ी बात है, अन्यथा अब कौन बताता है?ये कामिनी अपने घर जाती है,बता रही थी कि उसके पिता बीमार … Read more

मुखाग्नि – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

                 .  सोसायटी के एक टावर के नीचे खड़े व्यक्तियों की भाव भंगिमा से ही प्रतीत हो रहा था कि कोई दुःखद घटना है।ज्ञात हुआ कि एक 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला का निधन हो गया है।उन्ही की अंतिम यात्रा की तैयारी चल रही थी।आकाश नाम का युवक,सब उसे इसी नाम से पुकार रहे थे,सारी तैयारी करा … Read more

*पंखहीन परी* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    देखो बेटी,तुम इस घर की बडी बहू हो,इसलिये तुम्हे अपने मायके के बचपने को छोड़ना होगा।तुम्हारी ननद, तुम्हारे होने वाली देवरानी सब तुम्हे ही देख कर आचार विचार रखेंगे।     जी-माँ जी।       रीता की रितेश से शादी अभी दो माह ही पूर्व हुई थी।रितेश अपने घर मे अपने भाई व बहन से बड़ा था,इस कारण रीता … Read more

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