मौन- दर्द – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  चहुँ ओर शोर,चिल्लाहट,हाय हाय की आवाज उठ रही थी।एक ट्रक के पीछे दो किशोर बच्चे कुचले पड़े थे,मांस के लोथड़े बिखरे हुए थे।उसी ट्रक की साइड में एक 60 वर्षीय वृद्ध भी अचेवस्था पड़े थे।एक अति विभत्स और करुणाजनक दृश्य वहां था।          उक्त घटना 1972-73 की है।मेरे पिता ईंटो के भट्टे के व्यवसाय में थे। … Read more

*सबक* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 मनोज पिछले दो दिनों से ही मानसिक पीड़ा से ग्रस्त था,क्या करे कैसे करे,कोई राह मिल ही नही रही थी।घर से उसे वैराग्य सा हो गया था,उसका मन कर रहा था,वह कहीं एकांत में सदैव के लिये चला जाये, फिर अपने बच्चे का ख्याल आता तो कदम रुक जाते।मोनिका पत्नी होते हुए भी उसको समझने … Read more

नया उगता सूरज – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 आज मास्टर जी का बिस्तर से उठने का मन ही नही कर रहा था,पूरा शरीर टूट सा रहा था।अंदर से लग रहा था बुखार आ गया है।वे लेटे रहे।सामान्यतः मास्टर जी सुबह जल्द ही उठ जाते हैं, पर आज सूरज चढ़े तक भी बिस्तर से उठ ही नही पाये।तभी रसोई घर से खटर पटर की … Read more

हनी ट्रैप – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

   अंकल आप ही हमारी सहायता कर सकते हो,आप ही पापा को रोक सकते हो,हमारे परिवार को बचा सकते हो।अंकल प्लीज।         बात क्या है मनीष,बताओ तो?      अंकल कहते हुए शर्म भी आ रही है, पर कहना तो पड़ेगा, पापा पाप करने जा रहे हैं, उन्हें रोकना होगा,मेरी न तो वे सुनेंगे और न मानेंगे।       पहेली क्यो … Read more

*नीरवता* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    रात्रि की नीरवता में अचानक मोबाइल की घंटी बजना यकायक मन मे एक घबराहट पैदा कर देती है।मन मे शंका पैदा हो जाती है कि कोई बुरा समाचार तो नही सुनना पड़ेगा।ऐसे ही  देर रात में अंशुल के फोन पर घण्टी बजी तो उसने हड़बड़ाकर मोबाइल उठा लिया। उधर से मिश्रा जी बोल रहे थे।मिश्रा … Read more

दस्तक – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    देखो रामू अब तुम बुढियापे भी गये हो और सटिया भी गये हो अब तुमसे कोई काम ढंग से नही होता है।अच्छा है अब  तुम घर बैठो।          छोटे बाबू सारी उम्र तो आप लोगो के साये में गुजार दी,अब कहाँ ठौर है?अब जितनी जिंदगी पड़ी है,यही गुजार दूंगा, बाबू।कोशिश करूंगा अब काम ठीक ढंग से … Read more

जिजीविषा – बालेश्वर गुप्ता   : Moral Stories in Hindi

  भाईसाहब,आप ही मेरी सहायता कर सकते हैं।प्लीज करेंगे ना मेरी मदद?        भाई बताओ तो बात क्या है?तभी तो पता चलेगा कि मैं क्या कर सकता हूँ?अगर कर सकता हूँ तो क्यों नही करूँगा तुम्हारी सहायता।        मैं कई दिनों से आपसे कहने की हिम्मत जुटा रहा था,पर अब जब पानी सर से गुजरने वाला है तो … Read more

अकेलापन – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 अचानक पटाखों की तेज आवाजों से जानकी की आंखे खुल गयी।बड़ी मुश्किल से झपकी लगी थी,अचानक इत्ती रात को पटाखे?भला कोई ऐसा क्यों कर रहा है?इस उम्र में वैसे ही बड़ी मुश्किल से नींद आती है,अब आयी थी तो पटाखों ने तोड़ दी।बड़बड़ाती हुए जानकी उठ कर बॉलकोनी में आकर नीचे झांकने लगी तो देखा  … Read more

*बबूल का पेड़* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

   हैलो-हैलो-मैं कुसुम बोल रही हूं।    हाँ-हाँ, बहन जी मैं रमेश हूं, क्या बात है,आप बड़ी घबराई प्रतीत हो रही हैं?        भाईसाहब आप तुरंत आ जाइये,वीरेंद्र जी को शायद हार्ट अटैक आया है,उन्हें होस्पिटल लेकर जाना है।           रमेश जी तुरंत ही अपनी कार निकाल कर बाहर खड़ी की,और पड़ोस में ही रहने वाले वीरेंद्र जी के … Read more

*निकृष्टता* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

     वोव-अंकल,आप इस उम्र में भी बड़े हैंडसम लगते हैं।ये नीला सूट अंकल आप पर खूब फब रहा है।       थैंक्यू, बेटा, बैठो प्राची बस आने ही वाली होगी।चाय साय तो चलेगी।       चलेगी-अरे अंकल दौड़ेगी।कहकर सोनम जोर से हंस पड़ी          मुकेश जी ने एक धौल सोनम की पीठ पर जमा कर कहा-हां हाँ बैठ तो।          मुकेश जी … Read more

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