पवित्र पापी –   बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

  मेरे कंधे पर सिर रखकर फफककर रोने वाले 76 वर्षीय मोहन जी के प्रति मेरे मन मे वितृष्णा ही पैदा हो रही थी।मेरे मन मे बार बार आ रहा था कि एक बार कह दूं अरे मोहन बाबू क्यों नाटक कर रहे हों? मेरा उनसे बहुत पुराना परिचय नही था इस कारण संकोचवश कुछ न … Read more

करिश्मा – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

     बाबूजी,आज 100 रुपये  एडवांस में मिल जायेंगे तो बड़ी मेहरबानी होगी।वो है ना माँ की साड़ी लानी है।बस दो  धोती है,घिस गयी हैं।देख कर मुझे अपने पर शर्म आती है।        अरे पहले बताना था ना।अच्छा रुक जरा।—–ले ये साड़ियां मेरी पत्नी की है,अब किस काम की,तेरी मां पहन लेगी,उसे संतोष मिलेगा।और ये ले 100 रुपये … Read more

धारा के विपरीत – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

  बर्फ से ढकी कश्मीर की वादी अपने पूर्ण सौंदर्य की छटा बिखेर रही थी।सैलानी ठंड से बेफिक्र हाथों से बर्फ के ढेले बना बना कर एक दूसरे पर फेंक रहे थे।अजीब मस्ती का आलम था।रितेश और अखिलेश आज ही गुलमर्ग पहुचे थे।वहां के दृश्य देख उनका मन झूम उठा।         रितेश एक सामान्य परिवार का लड़का … Read more

मर्मान्तक चोट – बालेश्वर गुप्ता  : Moral stories in hindi

अबे लड्डन इधर आ,हरामखोर अपने शर्मा जी का लौटा चुराते तुझे शर्म नही आयी।तूने हमे कही मुँह दिखाने लायक नही छोड़ा।      गलती हो गयी बापू माफ कर दे।     माफी मांगनी है तो शर्मा जी से मांग।उन्होंने माफ कर दिया तो ठीक,नही तो तेरा खाना पीना बंद।       शर्मा जी बोले अरे छोड़ो गिरधारी,बच्चा है।माफी मांग रहा … Read more

खुला आकाश – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

    एक सामान्य निम्न मध्यम वर्ग परिवार में जन्मा विक्रम भी सामान्य और साधारण सा ही युवक था।अच्छे स्वास्थ्य का धनी विक्रम अपने माता पिता का चहेता था तो वह भी अपने परिवार के प्रति समर्पित था,परिवार क्या बस माँ और बापू ही तो थे।धनीराम जी ने पूरी जिंदगी में ले देकर एक छोटा सा घर … Read more

निर्णायक फैसला –  बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

      पापा, आप यहाँ अकेले क्यूँ रहना चाहते हैं, बढ़ती उम्र है,आप  यहीं मेरे पास अमेरिका आ जाओ।पापा मैं आपका एकलौता बेटा हूँ, मैं सब व्यवस्था कर दूंगा,बस आप हाँ बोल दो।        नहीं बेटा, मेरा वहाँ बिल्कुल भी मन नही लगता।सबकुछ मशीन सा, न अपनी भाषा, न अपने पन का अहसास।मुन्ना जिद न कर मैं वहाँ … Read more

अनोखा गुस्सा : Moral stories in hindi

    माँ जी कुछ तो बताओ,मुझसे कोई गलती हो गयी क्या,मैं आपके पैर पकड़ कर  माफी मांगती हूँ।       अरे नही बहू, मैं तुझसे भला क्यूँ नाराज होउंगी?तू तो मेरा वैसे भी इतना ध्यान रखती है, सेवा करती है।नाराजगी होगी तो उससे होगी जिसे नौ महीने पेट मे रखा है।       आज सुबह से अम्मा ना तो किसी … Read more

परिणीति – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

देखो अम्बर मैंने तुम्हें अपना सर्वस्व सौंपा है,अब मेरे पास कुछ भी नही।तुम मुझे धोखा नही दे सकते,तुम पर मेरा ही हक है।       मैं कब मना कर रहा हूँ,मुझ पर तुम्हारा ही तो हक है,तुम बताओ माँ की जिद और छोटी बहन की शादी में अड़चन न आने पावे के कारण माँ मेरी शादी करने … Read more

एक बार फिर – बालेश्वर गुप्ता  : Moral stories in hindi

अपने एकलौते बेटे नीरज की अपने पिता रंजीत जी से की जा रही गुहार ने रंजीत जी को अपने ही जीवन के अतीत में लाकर खड़ा कर दिया।ऐसे ही वह अपने पिता मुरारीलाल जी से अनुमति मांग रहे थे  बाबूजी मुझे एक सप्ताह के लिये बनारस जाना है।बाबूजी के कारण पूछने पर रंजीत ने बताया … Read more

भीगी हथेली – बालेश्वर गुप्ता    : Moral stories in hindi

 बापू कल से मैं भी तुम्हारे साथ ही मजदूरी करने चला करूँगा,अब तो मैं बड़ा हो गया हूँ।        अरे कहाँ बड़ा हो गया है,अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे। मजदूरी को हम जाते हैं ना। कहते कहते शंकर अपने अतीत में खो गया,उसे याद आ रहा था कि वह तो स्कूल जाना चाहता था पर उसके … Read more

error: Content is protected !!