गुरुर – अयोध्या प्रसाद उपाध्याय : Moral Stories in Hindi

इंजीनियर दंपति ने यह बहुत पहले ही निर्णय ले लिया था कि संतान रूप में लड़की हो या फिर लड़का केवल एक ही। वे बैंगलोर में रहते थे। दोनों की अच्छी खासी तनख्वाह थी। घर गृहस्थी मजे में चल रही थी। तीन कमरों का फ्लैट था।दो ही प्राणी तो रहने वाले। कुछ खाली खाली सा … Read more

जलन- अयोध्या प्रसाद उपाध्याय  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : दमयंती के वैवाहिक जीवन के सात साल हो गये थे। अब तक कोई संतान नहीं हुई थी। मन मातृत्व सुख से वंचित होने के कारण उदास रहा करता था। किसी भी काम में मन नहीं लगता था। सदा संतान की चिंता से चिंतित रहा करती थी। दिनों-दिन उसका स्वास्थ्य खराब … Read more

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