टूटते रिश्ते की डोर – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

अह्लाद एक सफल बिज़नेसमैन था, जो अपने काम और परिवार दोनों के प्रति समर्पित था। उसका जीवन अपनी पत्नी नीरजा और माता-पिता के इर्द-गिर्द घूमता था। हालाँकि, उसकी दोहरी जिम्मेदारियाँ अक्सर उसे दो पाटों के बीच पिसने का अहसास कराती थीं। शाम के समय अह्लाद ऑफिस से घर लौटता तो नीचे का कमरा मम्मी पापा … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -13 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“सॉरी रोहित.. मैं भी तो खुद से भागने के चक्कर में खुद को खत्म करना चाहती थी। ऐसे तो कभी किसी समस्या का समाधान ना निकले। सामने से समस्या को फेस नहीं करना, ये तो खुद की समस्या को बढ़ाना ही है। अब तो सबको बताती हूँ खुद से भागने से बेहतर है खुद को … Read more

मायके का मान – आरती झा आद्या  : Moral Stories in Hindi

चाहत का मायका उसके लिए सबसे बड़ा उपहार था। जब भी वह अपने मायके की चौखट पर कदम रखती, उसे ऐसा लगता मानो सारा संसार उसके स्वागत में खड़ा हो गया हो। एक आवाज़ पर सब दौड़े चले आते, उसकी हर छोटी-बड़ी खुशी का ध्यान रखते। चाहत की ननद की शादी थी। इस अवसर पर … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -12 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“सॉरी रोहित.. मैं भी तो खुद से भागने के चक्कर में खुद को खत्म करना चाहती थी। ऐसे तो कभी किसी समस्या का समाधान ना निकले। सामने से समस्या को फेस नहीं करना, ये तो खुद की समस्या को बढ़ाना ही है। अब तो सबको बताती हूँ खुद से भागने से बेहतर है खुद को … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -11 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

दादी उस वाकये ने मेरी सोच और जीवन का ध्येय बदल दिया। उस समय मेरे मन में एक ही विचार था कि इस बच्ची को तो उसके माता-पिता मिल गए हैं, लेकिन कई ऐसे बच्चे हैं, जिनका कोई नहीं है। उनके लिए क्यों ना जीवन जिया जाए! मेरे पास पैसे की या रहने की कोई … Read more

नशे का चौराहा – आरती झा आद्या Moral Stories in Hindi

“आज फिर छोटे को देख़ मन ख़राब हो गया, नशे में धुत चौराहे पर बैठा हुआ था। घर की इज्जत मिट्टी में मिला क़र रख दिया है इसने।” कॉलेज से आए शांतनु अपनी टाई ढीली करते थकी हुई आवाज़ में अपनी पत्नी शाम्भवी से कह रहे थे। शाम्भवी टाई लेती हुई कहती है, “देखिए इतनी … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -10 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“रात भर में रोहित ने तुम सब के बारे में इतना बता दिया कि लगता ही नहीं कि यह हमारी पहली मुलाकात है। उनकी बातों में एक अजनबी क़ी नहीं, बल्कि एक पुराने दोस्त से मिलने क़ी चाहत दिख रही थी औऱ तुम्हारे हाथ के खाना के बारे में रोहित ने बताया कि किसी फाइव … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -9 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

बच्चे उछलते कूदते योगिता और राधा के साथ हवेली के अंदर चले गए। सारी लड़कियाँ पहले ही अंदर जाकर फ्रेश हो रसोई की ओर रुख कर चुकी थी।  आरुणि अपने ड्राइवर अंकल की ओर मुखातिब होते हुए बोलती है.. “आप लोग भी डिनर करके ही जाइए और रोहित को गाड़ी से ही उसके होटल पहुँचा … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -8 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

पेड़ों से आच्छादित वादी ने मनोरम दृश्यों का आद्यतन किया था, जहाँ हर एक पेड़ और उनके पत्ते, हरियाली से भरी घास और प्राकृतिक रंगों का मेल बना रहे थे। सभी लम्बी-लम्बी साँसें लेते हुए ऐसा महसूस कर रहे थे कि वे किसी शांतिपूर्ण स्थल में खो गए हैं, जहाँ केवल खुशियों की मिठास के … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -7 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“जल्दी से फ्रेश हो लो। मैं खाना लगाती हूँ। खुद भी भूखे रहो और सबको भूखा रखो।” बोल क़र बड़बड़ाती हुईं राधा किचन की ओर बढ़ गई। “और सब लोग सो गए हैं। सबने खाना खा लिया था ना।” आरुणि अपनी सहेलियों के साथ अंदर आती हुई पूछती है। “हाँ सबने खाना तो खा लिया … Read more

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