मैं कभी अच्छी भाभी नहीं बन पाई – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

“बहू नंदिनी का फोन आया है, तू भी बात कर लें, वो तेरे लिए पूछ रही है”। सरिता जी ने फोन अपनी बहू सोनाक्षी को देते हुए कहा। सोनाक्षी ने मुंह बनाया और ढंग से बात नहीं की, कम शब्दों में हाल पूछे और फोन वापस सरिता जी को पकड़ा दिया, सरिता जी ने उसका … Read more

लडकी के भाई नहीं है – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

“ऐसे कैसे तूने लड़की के लिए हां कर दी, ना घर-परिवार देखा, ना ही लडकी के पापा की जमीन जायदाद देखी,  ऐसे कैसे कोई भी लड़की इस घर की बहू बन जायेंगी, और लड़की के भाई भी नहीं है। मै तो तुझे इसकी इजाजत नहीं दूंगा, चौधरी जी गुस्से में बोले। उनकी आवाज सुनकर उनके … Read more

हां, मुझे जायदाद में अपना हिस्सा चाहिए – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

मोबाइल फोन की घंटी बजते ही शिखा के चेहरे पर मुस्कान आ गई, मायके से बड़े भैया का इतने समय बाद फोन आया था, और उसने एक ही घंटी में फोन उठा लिया। “नमस्ते, बड़े भैया, आप कैसे हैं? बहुत दिनों बाद अपनी बहन को याद किया, आप तो मुझे ब्याहकर भुला ही बैठे हैं, … Read more

लडकी के भाई नहीं है। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

“ऐसे कैसे तूने लड़की के लिए हां कर दी, ना घर-परिवार देखा, ना ही लडकी के पापा की जमीन जायदाद देखी,  ऐसे कैसे कोई भी लड़की इस घर की बहू बन जायेंगी, और लड़की के भाई भी नहीं है। मै तो तुझे इसकी इजाजत नहीं दूंगा, चौधरी जी गुस्से में बोले। उनकी आवाज सुनकर उनके … Read more

मुझे अपने बेटे पर शर्म आती है – अर्चना खंडेलवाल  : Moral stories in hindi

आदित्य के कमरे का दरवाजा अभी तक भी नहीं खुला था, सुबह के नौ बज रहे थे और मंजू जी कब से उसके उठने का इंतजार कर रही थी, कभी वो घड़ी को देखती तो कभी रसोई में ठंडे हो रहे नाशते को, फिर सोचा जाकर दरवाजा बजा देती हूं, पर आदित्य का गुस्सा याद … Read more

हां, मैंने अपने बेटे के खिलाफ केस किया है – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

थप्पड़ की गूंज से रोहिणी जी की नींद खुल जाती है, बगल वाला कमरा उनके बेटे विक्रम का था, आवाज वही से आई थी, उन्होंने चश्मा लगाया और उस तरफ चल दी, दरवाजे पर कान लगाया तो बहू मेघा की सिसकियों की आवाज सुनाई दी, उन्होंने खटखटाना चाहा, पर फिर खुद को ही रोक लिया, … Read more

मैं बीमार हूं, मुझे आराम करना है – अर्चना खंडेलवाल   : Moral stories in hindi

“सुलभा जीजी क्या कर रही हो? कब से काम में लगी हुई हो, थोड़ा आराम क्यों नहीं कर लेती हो? जब से आई हूं यही देख रही हूं कि आप काम में ही लगी हुई हो, अपने आराम का खुद ही ध्यान रखना होता है, वरना ऐसे तो आप बीमार पड़ जाओगी, फिर घर कौन … Read more

मेरी बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

“रजनी बहन,  गांव में पहुंचे हुए हकीम आये है, जो हर समस्या का इलाज बताते हैं, और उनके द्वारा बताए गये उपाय करने से सबके काम हो रहे हैं, हरीश भाई साहब की तबीयत इतनी खराब हो रही है, तो आप वहां जाकर ही इनका इलाज क्यों ना करवा लेती हो।” पड़ोस की बीना भाभी … Read more

मैंने क्यों तुम पर विश्वास किया। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

“रजनी बहन,  गांव में पहुंचे हुए हकीम आये है, जो हर समस्या का इलाज बताते हैं, और उनके द्वारा बताए गये उपाय करने से सबके काम हो रहे हैं, हरीश भाई साहब की तबीयत इतनी खराब हो रही है, तो आप वहां जाकर ही इनका इलाज क्यों ना करवा लेती हो।” पड़ोस की बीना भाभी … Read more

मेरी बेटी की जिंदगी अनमोल है। – अर्चना खंडेलवाल  : Moral stories in hindi

‘सुधा जरा तेल गरम करके ले आ, पैरों की मालिश कर दें, आज बहुत दर्द हो रहा है।” आटा गुंथती सुधा जी के कानों में ये आवाज पड़ी तो उसके हाथ जल्दी से चलने लगे, उन्होंने फटाफट आटा ढका और तेल लेकर सासू मां  दमयंती जी के कमरे में चली गई। “बड़ी देर लगा दी, … Read more

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