ढलती सांझ में तो आराम चाहिए। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

सुधा आज क्या चाय नहीं मिलेगी? किशोर जी ने बिस्तर से आवाज लगाई, कोई आवाज नहीं आने पर वो खुद ही पलंग से उतरकर रसोई की ओर चले गये, रसोई में चिमनी चल रही थी और उनकी आवाज से बेपरवाह होकर सुधा जी तवे पर परांठे सेंक रही थी। उन्होंने फिर दोहराया, आज चाय नहीं … Read more

बहू के पल्लू नहीं रखने से घर की इज्जत नहीं चली जाती – अर्चना खंडेलवाल   : Moral Stories in Hindi

ये क्या बहू !! तू बिना सिर पर पल्लू रखें, घर के बाहर चली गई, बहू घर की इज्जत होती है, ये तेरा शहर नहीं है, जहां कुछ भी चलता है, ये गांव है और आस-पास सारे रिश्तेदार रहते हैं, पुराने पड़ौसी है, वो बिना पल्लू के देखेंगे तो क्या सोचेंगे कि सुमित्रा ने अपनी … Read more

बहू बड़ा दिल रखो। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

रश्मि जब से शादी करके ससुराल आई थी, तब से उसने एक बात समझ ली थी कि इस घर में पत्ता भी उसकी ननद आशी की मर्जी से हिलता था, आशी की शादी हुए अभी दो साल हो गये थे, पर एक ही शहर में रहने के कारण वो कभी भी आ धमकती थी, और … Read more

बहू अब मै भी अपने पैरों पर खड़ी हूं। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

ये क्या!! डिब्बे में दो लड्डू रखे थे, दोनों खत्म हो गये !! अभी थोड़ी  देर पहले तो मैंने देखे थे।  मीनल ने गुस्से मे कहा…  वो रसोई से बाहर निकली तो देखा उसकी सास के कमरे की लाइट जल रही थी, वो धीरे से कमरे में पहुंची और उनके हाथ में एक लड्डू देखकर … Read more

हमारी भाभी – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

दरवाजे की घंटी बजती है, कूरियर वाला आया है, मैंने दरवाजा खोला तो वो मुझे कार्ड दे गया, मैंने उत्सुकतावश कार्ड देखा, और खुशी से मां से कहा कि, ‘मोनू भैया की शादी का कार्ड आ गया है, मां झट से बोली इस की भी शादी हो रही है, विश्वास नहीं होता। इतनी तो उम्र … Read more

दोनो बेटे मां को भीख मांगने स्टेशन पर छोड़ आयें…. – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

भगवान के नाम पर कुछ दे दें बेटी! दो दिन से कुछ नहीं खाया है, विभा की नजर उस बूढ़ी अम्मा पर पड़ी तो वो सिहर गई, इस उम्र में भी उनको भीख मांगनी पड़ रही है, वो अपना पर्स खोलती कि इससे पहले ही ट्रेन चल पड़ी, लोकल ट्रेन से वो रोज इसी रास्ते … Read more

मां तो सिर्फ पैसे वाले बेटे की होती है……. – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

सुरभि दीदी अभी कहां जा रही हो? बाहर बहुत बारिश हो रही है, अभी अंदर आ जाओ, मीना बाई ने जाती हुई मालकिन को रोका। आप काम करो मै देव दर्शन करके आती हूं,बस पांच मिनट में आ रही हूं, सुरभि स्कूटी स्टार्ट करके जाने लगी। मगर दीदी, इस वक्त सड़क पर बहुत फिसलन है, … Read more

मेरी सेवा कौन करेंगा……. – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

बाबूजी, आप तो बिस्तर पर हो जाने कितने दिनों के मेहमान हो, और सारी जायदाद इधर-उधर बिखरी हुई है, इन पेपर पर अंगूठा लगा दीजिए ताकि हम तीनों मिलकर उसके बराबर हिस्सों कर लेंगे, वैसे भी अब जायदाद आपकी किस काम की है! अम्मा तो है नहीं, आपको कितना सा खर्चा चाहिए, वो तो हम … Read more

गहरा रिश्ता – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

जाने किस घड़ी में इसे पसंद किया था, मेरी तो मति ही मारी गई थी जो मै इसे बहू बनाकर लाई, एक काम भी ये ढंग से नहीं करती है, पता नहीं कैसे घर संभालेंगी? इसके तो खुद के ही काम नहीं होते हैं।’ मंजुला जी बड़बड़ कर रही थी, लेकिन सोनिया पर कोई असर … Read more

“रिश्तों की अहमियत” – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

सोनिया अपनी मां साधना के साथ गर्मियों की छुट्टियों में अपनी दादी के घर आई थी। 13 वर्षीय सोनिया बहुत चंचल और मासूम थी, लेकिन अपने बचपने और कम उम्र के कारण कभी-कभी चीजों को पूरी तरह समझ नहीं पाती थी। दादी के घर की गर्माहट और अपनापन उसे अच्छा तो लगता था, लेकिन दादी … Read more

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