अपनापन का ढोंग क्यों ..? – अर्चना सिंह   : Moral Stories in Hindi

New Project 42

दो दिन से छाया बाजार करने में व्यस्त थी । काफी महीनों से घर में पूजा कराने को सोच रही थी । पर योजना बनाये गए कार्य अक्सर सफल नहीं ही होते हैं । कभी किसी रिश्तेदार की मौत, कभी उसके बच्चों की छुट्टी नहीं कभी कार्यक्षेत्र में कार्यभार ज्यादा आदि । हद तो तब … Read more

दोनो भाभियों में फर्क क्यों ? – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 59

“दिव्या ! ये तुमने क्या किया बेटा , ऐसे कोई करता है भला ? दोनों तुम्हारी भाभियाँ ही हैं फिर दोनों में इतना फर्क क्यों ?  दिव्या की मम्मी सुमित्रा जी दिव्या  को  टोकते हुए बोलने लगीं  जो अभी – अभी अपने भाई- भाभी के कमरे से उपहार देकर निकल रही थी ।  दिव्या ने … Read more

वादा … – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

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अक्सर लोगों के मुँह से सुना है कि रूप से ज्यादा गुण का महत्व है । पर मैं नहीं मानती, मेरे साथ तो हर कदम हर मोड़ पर मेरे अपनों ने ही मुझे रूप की वजह से अनदेखा किया है । मैं पूर्णिमा ! सिर्फ नाम ही अच्छा रखा माँ – बाप ने , ज़िन्दगी … Read more

परवरिश का मान – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 84

दस साल का था पीयूष जब उसकी मम्मी को आर्थराइटिस की बीमारी ने बुरी तरह घेरा । पीयूष की चाची स्नेहा जब शादी के बाद दूसरी बार ससुराल गयी तो उससे मासूम पीयूष का दुखद बचपन और अपनी जेठानी ( पीयूष की माँ रूपा ) का दर्द नहीं बर्दाश्त हुआ । घर की स्थिति भी … Read more

वापसी टिकट – अर्चना सिंह: Moral Stories in Hindi

New Project 37

आराधना की डिलीवरी में तकरीब बीस दिन बचे थे । पहली डिलीवरी थी तो आराधना कुछ ज्यादा ही उत्साहित थी । समझ नहीं पा रही थी वो किसके लिए क्या खरीदे और किसके लिए क्या करे । एक तरफ तो उसे भर्ती होने की चिंता थी तो दूसरी ओर उसे अनिमेष की मम्मी का तानाशाही … Read more

मायका..अपना या पराया – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 84

ट्रेन अपनी रफ्तार में तेजी से भागे जा रही थी,नीलू एकटक खिड़की में मौन साधे गुमसुम सी अपनी दुनिया मे मग्न थी। पुरानी बातें जेहन में बार बार घूम रही थी। माँ हमेशा कहती थीं-“ऐसे मत करो, वैसे मत रहो, ऐसे पहनो,वैसे न पहनो। तरीके से रहना चाहिए, क्योंकि बेटियों को पराये घर जाना है, … Read more

नई सीख-अर्चना सिंह Moral stories in hindi

New Project 2024 05 05T225422.575

आज बच्चों की परीक्षा की कॉपी जांचते – जांचते काफी समय लग गया। मधु ने एक नज़र घड़ी पर डाली, शाम के 5 बज चुके थे। थकी सी वो सुस्ताये अलसाये कदमों से चल कर वह घर घुसी तो 6 बजने वाले थे। घर के अंदर आकर उसने झांका तो कोई न दिखा, फिर उसने … Read more

अच्छा पाने की उम्मीद हो तो अच्छा देना चाहिए – अर्चना सिंह : Moral stories in hindi

New Project 41

मालती जी के गृहप्रवेश की तैयारी चल रही थी । अपनी ननद अनुपमा को उन्होंने महीने भर पहले ही बोल रखा था । मालती जी ने अपनी इकलौती बेटी प्रीति को कॉल करके कहा..”बुआ और उनके परिवार के लिए कुछ उपहार और कपड़े वगैरह लेना है , आ जाती बेटा तुम तो शॉपिंग करा देती … Read more

नियति को हमारा मिलना मंजूर नहीं था ….अर्चना सिंह: Moral stories in hindi

New Project 65 1

“शादी” ! मतलब इक नई उमंग, खुशी, उत्साह होता है ।और हर तरफ सब कुछ नया- नया सा लगता है न । ये सब तो उसकी सखियों ने खूब बताया था । पर शादी का दूसरा मतलब एक शब्द में कहें तो समझौता भी होता है । बस सखियों ने ये नहीं बताया था । … Read more

माँ का दर्द समझ मे आता है, पत्नी का क्यों नहीं..?? – अर्चना सिंह : Moral stories in hindi

New Project 2024 04 29T104946.819

 “टिकट  कन्फर्म हो गया है “।आप तूलिका से बात कर लीजिए एक बार ” । लैपटॉप पर काम करते हुए क्षितिज ने अपनी माँ विद्या जी को कहा । फिर विद्या जी ने बात अनसुनी करते हुए फोन काट दिया । अगले ही दिन की फ्लाइट थी । तूलिका रसोई में रोटियाँ सेंक रही थी, … Read more

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