बदलाव किस चीज का जरूरी है ।। – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

New Project 44

गांव से अंजली के सास ,ससुर आए हुए थे अंजली शहर मैं रहती थी उसे लगा उनके संग रह कर उसका बेटा भी देहाती नही हो जाए इसलिए किट्टू को उनसे दूर ही रखती बेचारे दादा ,दादी मन मार कर रह जाते पर पांच साल का किट्टू दादी के पास जाने की जिद्द करता उसका … Read more

मेरे दुख किसके ..!! – अंजना ठाकुर : Moral stories in hindi

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ललिता अपने कमरे मै उदास बैठी थी !सोच रही थी की क्या कभी कोई उसके भी दर्द को समझेगा पूरी जिंदगी अपने कर्तव्य निभाने मैं ही निकल गई ! ललिता जब शादी हो कर आई तो उसकी उम्र अठारह साल थी !और उस कम उम्र मैं पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसके कंधो पर आ गई … Read more

ये पल मिलेंगे कहां – अंजना ठाकुर : Moral stories in hindi

New Project 72

बालकनी मैं बैठे हुए राजेंद्र जी अपने बेटे अभय के साथ अपने पोते देव को खेलता हुआ देख कर खुद पर अफसोस कर रहे थे अभय , देव के साथ बच्चा बना हुआ  था और काफी खुश लग रहा था सोच रहे थे अभय कितना व्यस्त रहता है फिर भी बच्चे के साथ  वक्त निकाल … Read more

बात समझ की है ।। – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

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राकेश के मोबाइल  मैं किसी उर्मी के नाम पर दस हजार रुपए ट्रांसवर का मैसेज देख मीता का दिमाग खराब हो गया और उसके दिमाग मैं जाने क्या क्या चलने लगा राकेश जैसे ही बाथरूम से निकला मीता ने सवालों को झड़ी लगा दी ये उर्मी कौन है इसको तुमने पैसे क्यों डाले और उसने … Read more

पत्नी के आत्मसम्मान के लिए – अंजना ठाकुर : Moral stories in hindi

महेश  घर का सबसे छोटा बेटा था उसका दिमाग पढ़ने में कम लगता इस वजह से उसने ज्यादा पढ़ाई नही करी महेश के दो बड़े भाई थे जो पढ़ने के साथ पिताजी का व्यापार भी सम्हालने लगे महेश को उन्होंने घर के काम की ज़िमेदारी सौंप दी बाजार से सामान लाना घर के काम मै … Read more

छांव प्यार की – अंजना ठाकुर  : Moral stories in hindi

नीरू जब से शादी हो कर आई थी तब से ही काम अपने सर पर ले लिया उसकी सास बोलती भी की बहु नई नई शादी हुई है अभी आराम करो राघव के साथ घूमने जाया करो उसे ज्यादा समय दो पर नूरी के मन मै बचपन का डर बैठा की काम नहीं किया तो … Read more

दस्तूर – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

New Project 98

पीहू ससुराल से पहली बार मायके रहने के लिए आई थी  जब से आई थी तब से उसे सब बदले बदले लग रहे थे पिताजी जिन्होंने हमेशा इस बात के लिए डांटा की वो ठेले वाले की  पानी पूरी मत खाया करो कितना गन्दा रहता है उसका ठेला पर पीहू को उसी का पानी पसंद … Read more

अपने लिए जीना गुनाह नहीं – अंजना ठाकुर   : Moral stories in hindi

बहू तुम ये योगा की क्लास लगा रही हो क्या जरूरत है फिजूल खर्ची की और फिर अभी तुम्हारे बच्चे छोटे है उन्हे कैसे जाओगी छोड़ कर आशी की सास डांटती हुई बोली आशी बोली मांजी इसमें फिजूल खर्ची क्या हमारे शरीर के लिए योगा सेहतमंद होता है घर पर नियमित हो नही पाता और … Read more

जो मेरे साथ हुआ वो तेरे साथ नही होने दूंगी – अंजना ठाकुर : Moral stories in hindi

दीदी आप समझाओ ना पापा को कह रहे है कोई जरूरत नहीं है नौकरी करने की अब शादी कर लो फिर तुम्हारे ससुराल वाले जो कहे वो करना अगर वो राजी हो तो कर लेना नौकरी । नौकरी के चक्कर मैं फिर उम्र निकल जायेगी फिर अच्छे लड़के नही मिलते अभी रिश्ता आया है सोनल … Read more

जो होता आ रहा वो हमेशा सही नहीं होता – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बहु तुमने नेहा से क्या कह दिया वो रोए जा रही है और अपने घर जाने की की रही है बोल रही अब तो ये घर पर मेरा हक ही नहीं है .. रिचा की सास गुस्से से रिचा को चिल्लाई रिचा अभी कुछ दिन पहले ही बहू बनकर आई … Read more

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