भूल _अपना समझने की । – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

विनोद जी ने बहुत दौलत कमाई पर एक मलाल रह गया उनके कोई बेटा नहीं थी एक के बाद एक तीन लड़कियां  हो गई । तीसरी बेटी के समय पत्नी को गर्भाशय मैं दिक्कत हो गई थी जैसे तैसे मां बेटी की जान बची डॉक्टर ने साफ कह दिया की अब मां बनी तो जान … Read more

ये तेरा घर _ये मेरा घर ।। – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

मां राहुल दस दिनों के लिए काम के सिलसिले मै बाहर जा रहे है तो मैं रहने के लिए आ रही हूं मीनू  की आवाज मैं मायके जाने की अलग ही खुशी थी मां भी ये सुनकर बहुत खुश हुई पर अगले पल ही कुछ सोचने लगी  की मीनू अभी एक महीने पहले ही रहकर … Read more

अपना अपना – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

गुरुर  आज इस्त्री के लिए नीरा कपड़े देने आई तो पहले तो इस्त्री वाले पर चिल्लाई की तुम्हारा बेटा कपड़े लेने क्यों नहीं आ रहा ।और एक घंटे मै करके पहुंचा देना । इस्त्री वाला बोला मैडम अभी मेरे बेटे की परीक्षा चल रही है तो कुछ दिन आप लोगों को ही आना पड़ेगा लेने … Read more

हर एक रिश्ता _जरूरी होता है। – अंजना ठाकुर: Moral Stories in Hindi

रीमा नई नई शादी हो कर आई थी ससुराल मैं सास ,ससुर ,पति राकेश ,और एक शादी शुदा ननद सांची  है ननद के एक दो साल की बेटी पीहू है जिसको लिवर इन्फेक्शन है उसके इलाज के लिए उसे मायके आना पड़ता है क्योंकि उसका ससुराल छोटे शहर मैं है  राकेश भी अपनी बहन को … Read more

सिर्फ दूसरों के लिए जीना नहीं है।- अंजना ठाकुर: Moral Stories in Hindi

मांजी आज हम लोगो को देर हो जायेगी आने मैं.. आप अन्नू और मुन्नू को खाना खिला देना और पापाजी से कहना उनका होमवर्क करा कर उनके बैग लगा दे ।नही सुबह स्कूल को देर हो जायेगी। सरिता जी बोली ठीक है ।क्योंकि अक्सर ही उनके बेटा – बहु घूमने निकल जाते और उन पर … Read more

बेजुबान- अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

ये क्या अनर्थ कर दिया ये बिल्ली के बच्चे कहां से उठा लाया तुझे पता नहीं घर मैं बिल्ली पालना अशुभ होता है दादी पोते यश के हाथ मै बिल्ली के बच्चे देख चिल्लाई । अरे दादी ये  बिल्ली ने सड़क किनारे बच्चे दिए है अब कुत्ते ने देख लिए तो उनको मारने आ रहा … Read more

जिंदगी कीमती है- अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

ये क्या अनर्थ कर दिया एक ऐसी लड़की को तू अपने घर की बहू बना लाया जिसकी बारात वापस चली गई  कुसुम आंखे निकालती हुई बोली और लता डर के कारण सुहास के पीछे छिप गई । सुहास बोला मां मेरी बात तो सुनो अगर बारात वापस चली गई तो इसका क्या दोष है ऐन … Read more

ठोस कदम -अंजना ठाकुर Moral stories in hindi

रानी घर घर जा कर काम बर्तन मांजने का काम करती है ।दिखने मैं वो बहुत सुंदर थी लेकिन आत्मसम्मान उस मैं  कूट कूट कर भरा था वो अपना काम बहुत ईमानदारी से करती थी । आज बिल्डिंग में कोई नई फैमिली आई थी उनका बीस साल का बेटा है सूरज ।रानी उनके यहां भी … Read more

मस्ती के पल- अंजना ठाकुर। Moral stories in hindi

मस्ती के पल ।। सोनू को आज फिर बुखार आ गया था सेजल परेशान हो गई थी पांच साल का सोनू अक्सर बीमार और उदास रहता जबकि सेजल खाने में बहुत ध्यान रखती सब कुछ हेल्दी ही खाने को देती लेकिन सोनू के शरीर को कुछ लग नहीं रहा था और वो अक्सर ही बीमार … Read more

रिश्तों की कीमत नहीं होती-अंजना ठाकुर Moral stories in hindi

तनु को अपनी मां से काफी लगाव था एक तो वो घर मैं बड़ी थी और लड़की होने के नाते कुछ लगाव अलग ही होते है और उसके दोनो भाई छोटे थे तो उन्हें भी खुशी होती की दीदी मां के साथ उनका भी ध्यान रख रही है । तनु की शादी के बाद भी … Read more

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