आत्मग्लानि – अनिला द्विवेदी तिवारी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सुधा जी  एक सरकारी विद्यालय में प्रधान अध्यापिका थीं, जो अब सेवा निवृत्त हो चुकीं थीं। उनके पति सेना में एक उच्च अधिकारी थे, जो किसी आतंकी हमले में शहीद हो गए थे।  सुधा जी के तीन बेटे थे। सुधा जी के पति की मृत्यु के पश्चात उन्हें सरकार द्वारा … Read more

ना मुझे आपके पैसे चाहिए ना ही आपकी संपत्ति : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : वरुण एक आधुनिक सोच वाला युवा था।  वह कोई प्राइवेट नौकरी करता था नौकरी के साथ-साथ एक समाजसेवी भी था। उसकी नौकरी से अच्छी खासी  आमदनी हो जाती थी जिससे उसका गुजारा सही ढंग से चल रहा था।  लेकिन वहीं पर उसके माता-पिता  थोड़ा पुराने खयालातों के थे। समाज सेवा … Read more

जाने कब जिंदगी में कौन सा मोड़ आ जाए, यह कोई नहीं जानता – अनिला द्विवेदी तिवारी : Moral Stories in Hindi

सुनीता पढ़ी लिखी लड़की थी लेकिन ना जाने किन परिस्थितियों वश वह एक छोटे से गाँव में व्याह दी गई। जो एक अत्यंत पिछड़ा गाँव था। वहाँ पर ना तो स्कूल था ना डाकघर ना ही अस्पताल।  फिर भी धीरे धीरे वह सामंजस्य बैठाने की कोशिश में लगी रहती थी। उसका पति तो और भी … Read more

रिश्तों का सम्मान – अनिला द्विवेदी तिवारी : Moral Stories in Hindi

नीता की जेठानी सुरभि, हमेशा अपनी देवरानी नीता को गंवार, गांव कहकर पुकारती थी। नीता , तीखे नैन नक्श वाली एक सुंदर, सुशील सी लड़की थी। हर घरेलू काम में दक्ष किंतु पढ़ाई उसने सिर्फ हाईस्कूल तक ही पूरी की थी। वहीं सुरभि साधारण नैन, नक्श वाली लड़की थी किंतु वह विदेश से अपनी पढ़ाई … Read more

अपना घर – अनिला द्विवेदी तिवारी  : hindi stories with moral

hindi stories with moral : स्वरा अपने मायके में  तीन भाइयों के बीच इकलौती बहन थी। उसके पिता किसी सरकारी ऑफिस में तृतीय श्रेणी कर्मचारी थे। परंतु स्वरा का लालन-पालन अपने हैसियत के मुताबिक उसके माता-पिता ने ए ग्रेड श्रेणी के अनुसार ही किया था। चारों भाई बहनों के बीच कभी कोई फर्क नहीं किया … Read more

दहेज – अनिला द्विवेदी तिवारी : hindi stories with moral

hindi stories with moral : प्रिया और राकेश बचपन से बहुत अच्छे दोस्त थे। स्कूल से कॉलेज में चले गए परन्तु उनकी दोस्ती बरकरार रही। राकेश कब उसे मन ही मन पसंद करने लगा पता ही नहीं चला। हालांकि प्रिया, राकेश को महज एक दोस्त ही मानती थी। पढ़ाई-लिखाई भी धीरे धीरे पूरी हो गई … Read more

संस्कारहीन – अनिला द्विवेदी तिवारी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :  काम्या, आधुनिकता और फैशन सिंबल के नाम पर,  हमेशा नए-नए प्रयोग करती रहती थी। जबकि वहीं पर उसकी छोटी बहन सौम्या अपने नाम के ही अनुरूप सौम्य वा साधारण तरीके से रहती थी।  जब काम्या उर्फी जावेद की नकल उतारते  हुए कटे-फटे कपड़े पहनती थी, तब उसकी माँ रागिनी और … Read more

बेटी ने अपनी हरकतों से शर्मिंदा कर दिया – अनिला द्विवेदी तिवारी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :  सुहासिनी जी ने अपनी सहेली पूर्णिमा जी के बेटे मयंक के साथ अपनी बेटी नीलिमा की शादी करवा दी थी यह कहते हुए कि घर की बात है तुम सबको बाहर से बहू लाने पर कठिनाई ना हो। इसलिए अपनी ही बेटी को तुम्हारे घर बहू बनाकर भेज रही हूँ  … Read more

ममता – अनिला द्विवेदी तिवारी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  मुदित जब दो साल का था तब उसकी माँ का देहांत हो गया था। लोगों की सलाह पर उसके पिता ने दूसरा विवाह किया ताकि मुदित को एक माँ का प्यार मिल सके। कुछ दिन तक तो सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा लेकिन कुछ दिनों बाद से ही मुदित का … Read more

इल्जाम अपनों का – अनिला द्विवेदी तिवारी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अंकिता और  उत्तरा दोनों देवरानी जेठानी थीं। उनमें बहुत बनती थी। इनका संयुक्त परिवार था। ससुर चार भाई थे। बड़े भाई की बहू अंकिता थी और दूसरे नंबर के भाई की बहू उत्तरा। उनमें  सगी बहनों के समान  अपार प्रेम था। उनके प्यार और स्नेह से  परिवार में कुछ लोग … Read more

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