आप लोगों की इतनी हिम्मत कैसे – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : आज सुधा अपनी ननद के घर दस सालों के बाद पहुंचने वाली थी।वो बहुत छोटे गांव से थी। उसने बहुत ही मुश्किल बच्चों को पढ़ा लिखा कर नौकरी के काबिल बनाया। उसके बच्चों  ने बाहर रहकर ही उच्च शिक्षा ग्रहण की थी।पर सुधा का रहन- सहन गांव में रहने के … Read more

आत्मग्लानि – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : मालती जी को कोई बेटी नहीं थी। उन्हें घर की बहू बेटी जैसी ही दिखती थी।वो चाहती थी कि बहू को इतना प्यार दूं कि बेटी की कमी न रहे •••• वो हमेशा ही बहू को बेटी के नजरिए से देखती और वो हमेशा सोचती कि अगर मेरी बेटी ऐसी … Read more

अपनों का आशीर्वाद – अमिता कुचया : Moral stories in hindi

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Moral stories in hindi: जीवन में बच्चों का पालन पोषण करना बहुत बड़ी बात होती है, उसमें अपनों का भी साथ होता है पर हम भूल जाते हैं हम अपने अहंकार में भूल जाते हैं कि क्या खोया, क्या पाया , थोड़ी सी बात के कारण हम अपनों से दूरी बना लेते हैं। जो कि … Read more

घर की रौनक कहां खो गयी : hindi stories with moral

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hindi stories with moral : दीनानाथ जी की पत्नी को गुजरे हुए कुछ समय ही क्या बीता ,उनके घर में रिश्तेदारों ने आना ही छोड़ दिया। कहते क्या करेंगे उनके यहां जाकर खुद ही जाकर खाना बनाओ और काम करो,दीनानाथ जी के घर में एक बेटा ही था। जिसके पैर घर पर तो रहते नहीं … Read more

एक औरत संस्कारहीन कैसे!!! – अमिता कुचया  : Moral stories in hindi

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Moral stories in hindi  : जूही एक गर्भवती औरत है ,उसका घर बाजार के बीचोंबीच है,उसके घर के आसपास बहुत हलचल रहती है,चारों तरफ लैया,चाट , आइसक्रीम के ठेले लगे रहते हैं और गर्भवती होने के कारण खट्टा-मीठा तीखा खाने का मन होता था, लेकिन माहौल गमगीन होने के कारण उसने बहुत दिनों से कुछ … Read more

भाभी के लिए समर्पण – अमिता कुचया: Moral stories in hindi

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Moral stories in hindi: मनोहर जी को दुकान से लौटते ही शाम हो गई थी वह काफी निराश से होकर बैठ गये, तब उनकी पत्नी राधा जी उन्हें पानी देते हुए बोली-” अजी आप बड़े दुखी से लग रहे हैं ,आखिर ऐसा क्या हो गया !जो इतने निराश दिख रहे हैं? तब राधा जी से … Read more

ससुराल में ऐसा क्यों? – अमिता कुचया : Moral stories in hindi

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Moral stories in hindi : दमयंती जी और उनकी बेटी सुहाना जैसे ही बाजार से लौटकर आती है तो वो दोनों रोमी और मोना को आवाज लगाने लगती है। रोमी और मोना दोनों दमयंती जी की बहू है। सुहाना उनकी बेटी भी आवाज लगाकर कहती- “अरे भाभी कहां हो? हम लोग थककर आए हैं ,कम … Read more

मेरी सासु माँ का दोहरा व्यक्तित्व – अमिता कुचया

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आज कल‌ जैसे की सोच होती है ,पढ़ी लिखी बहू आए और अगर नौकरी वाली  बहू आती है। तो ससुराल वाले को पुराने सोच बदलने की जरूरत होती है। क्योंकि सर्विस वाली बहू के रहन सहन और व्यवहार में अंतर होता है, घरेलू बहू की अपेक्षा… कहने को आधुनिक विचारों वाले सोच हम लोग है  … Read more

झूठ और धोखे की बुनियाद पर रिश्ते कैसे संभव – अमिता कुचया

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मुझे आज भी लगता है  लोग अपनी बेटी को इतना भार क्यों मानते हैं। यदि कोई बेटी बीमार हैं तो उसका पूरी तरह इलाज कराना चाहिए न कि उसकी बिना बताए शादी करके उससे पीछा छुड़ाने की कोशिश करना  चाहिए। पर कितने पढ़ लिख जाओ पर सोच नहीं बदली तो क्या? इस लिए कहा गया … Read more

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