एकल परिवार का दायित्व – अमिता कुचया   : Moral stories in hindi

आज भी अंशू के सामने निया और निमित्त जिद करते तो उसे गुस्सा आता, कितना भी मन का बनाओ तब पर भी बच्चों का मन नहीं भरता !रोज नये डिश की फरमाइश होती।सुबह नाश्ता फिर दोपहर का लंच , फिर शाम को स्नैक्स की डिमांड और उसके  बाद ये भी पूछा जाता कि रात के … Read more

संस्कार नहीं दिए क्या •••• (भाग 2)- अमिता कुचया 

अब रौनक को भी गुस्सा आ गया। वह कहने लगा ” क्यों इतनी देर से बकवास किए जा रही हो। तुम्हें फ्लैट भी चाहिए और  देखने  भी चलना नहीं है ,तो बाद में तुम मुझे दोष मत देना। ऐसा नहीं है या वैसा नहीं है।” फिर सासुमा ने कहा -“बेटा थोड़ी देर से हम सब … Read more

संस्कार नहीं दिए क्या •••• (भाग 1)- अमिता कुचया 

आज रौनक  बड़े ही गुस्से में था।जब देखा पल्लवी का व्यवहार बिल्कुल उसकी मां के प्रति उपेक्षित लग रहा है।वह रात में मां के पास नहीं बैठी , न ही उनकी तबीयत के बारे में पूछा। उसे मायके से लौटे हुए बहुत समय हो गया था।इस तरफ पल्लवी को भी अंदाजा नहीं कि रौनक उसे … Read more

आप लोगों की इतनी हिम्मत कैसे – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज सुधा अपनी ननद के घर दस सालों के बाद पहुंचने वाली थी।वो बहुत छोटे गांव से थी। उसने बहुत ही मुश्किल बच्चों को पढ़ा लिखा कर नौकरी के काबिल बनाया। उसके बच्चों  ने बाहर रहकर ही उच्च शिक्षा ग्रहण की थी।पर सुधा का रहन- सहन गांव में रहने के … Read more

आत्मग्लानि – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : मालती जी को कोई बेटी नहीं थी। उन्हें घर की बहू बेटी जैसी ही दिखती थी।वो चाहती थी कि बहू को इतना प्यार दूं कि बेटी की कमी न रहे •••• वो हमेशा ही बहू को बेटी के नजरिए से देखती और वो हमेशा सोचती कि अगर मेरी बेटी ऐसी … Read more

अपनों का आशीर्वाद – अमिता कुचया : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: जीवन में बच्चों का पालन पोषण करना बहुत बड़ी बात होती है, उसमें अपनों का भी साथ होता है पर हम भूल जाते हैं हम अपने अहंकार में भूल जाते हैं कि क्या खोया, क्या पाया , थोड़ी सी बात के कारण हम अपनों से दूरी बना लेते हैं। जो कि … Read more

घर की रौनक कहां खो गयी : hindi stories with moral

hindi stories with moral : दीनानाथ जी की पत्नी को गुजरे हुए कुछ समय ही क्या बीता ,उनके घर में रिश्तेदारों ने आना ही छोड़ दिया। कहते क्या करेंगे उनके यहां जाकर खुद ही जाकर खाना बनाओ और काम करो,दीनानाथ जी के घर में एक बेटा ही था। जिसके पैर घर पर तो रहते नहीं … Read more

एक औरत संस्कारहीन कैसे!!! – अमिता कुचया  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : जूही एक गर्भवती औरत है ,उसका घर बाजार के बीचोंबीच है,उसके घर के आसपास बहुत हलचल रहती है,चारों तरफ लैया,चाट , आइसक्रीम के ठेले लगे रहते हैं और गर्भवती होने के कारण खट्टा-मीठा तीखा खाने का मन होता था, लेकिन माहौल गमगीन होने के कारण उसने बहुत दिनों से कुछ … Read more

भाभी के लिए समर्पण – अमिता कुचया: Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: मनोहर जी को दुकान से लौटते ही शाम हो गई थी वह काफी निराश से होकर बैठ गये, तब उनकी पत्नी राधा जी उन्हें पानी देते हुए बोली-” अजी आप बड़े दुखी से लग रहे हैं ,आखिर ऐसा क्या हो गया !जो इतने निराश दिख रहे हैं? तब राधा जी से … Read more

ससुराल में ऐसा क्यों? – अमिता कुचया : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : दमयंती जी और उनकी बेटी सुहाना जैसे ही बाजार से लौटकर आती है तो वो दोनों रोमी और मोना को आवाज लगाने लगती है। रोमी और मोना दोनों दमयंती जी की बहू है। सुहाना उनकी बेटी भी आवाज लगाकर कहती- “अरे भाभी कहां हो? हम लोग थककर आए हैं ,कम … Read more

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