अतृप्त – सरिता गर्ग ‘सरि’

Post View 5,841 नारी -मन की संवेदना की अछूती कहानी           उस रात  उसकी सुगन्धित देह को घर्षण और चोट से रौंदता वो आनंद पाता रहा और वो ठंडी और निष्प्राण चादर -सी ,वक्त की सिलवटों से मुड़ी -तुड़ी बिस्तर पर बिछी रही । इसी तरह वो हर रात रौंदी जाती रही,उस पर बलात्कार होता रहा,फिर … Continue reading अतृप्त – सरिता गर्ग ‘सरि’