अपनों का अपनों पर कोई कर्ज़ नहीं होता ‘ –  विभा गुप्ता 

Post Views: 6 अश्विनी ने धीरे-धीरे अपनी आँखें खोली, खुद को अस्पताल के बेड पर देखा तो चकित रह गया।वह सोचने लगा, उसका तो एक्सीडेंट हो गया था, वो यहाँ कैसे पहुँचा,उसे यहाँ कौन लाया? तभी उसके कानों में वार्ड बाॅय की आवाज सुनाई दी,वह अपने सहकर्मी से कह रहा , ” ग्यारह नंबर वाला … Continue reading अपनों का अपनों पर कोई कर्ज़ नहीं होता ‘ –  विभा गुप्ता