अघोरी  – वंदना पांडे

Post Views: 4 मेरे कस्बे के बाहर अभी कुछ दिनों से एक अघोरी धूनी रमा रहा था..। वेशभूषा वही….सर पर जटाएँ… नेत्र जैसे दो सुर्ख अंगारे चेहरे पर जड़े हों….पूरे शरीर में राख का लेप, हाथ में एक डंडा और गले में लटकी हुयी इंसान की खोपड़ी…. लोग कहते हैं श्मशान में धूनी रमाता है…। … Continue reading अघोरी  – वंदना पांडे