Post View 338 दीपेश का फ़ोन बार बार बज रहा था और वो आफिस के काम मे व्यस्त था। फ़ोन की तरफ देखे बिना कॉल काट रहा था। तभी मेज पर रखा फ़ोन बज उठा। उसने उठा लिया। दूसरी तरफ से लीना ने चिल्लाना शुरू कर दिया। “कितने फ़ोन किये उठाते क्यों नहीं” “अरे काम … Continue reading आत्मविभोर – गीतांजलि गुप्ता
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