इतना बड़ा दिल तो एक मां का ही हो सकता है – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

“बेटा महंगाई दिन ब दिन आसमान छू रही है ऊपर से तेरी बेटी भी बड़ी हो रही है उसकी शादी भी करनी है तुझे। तू मेरी फिक्र मत कर मैं यहां बहुत खुश हूं अपना ख्याल रखना । यहां मेरे जैसे कितने ही लोग हैं एक दूसरे की बातें सुनकर दिन कब निकल जाता है पता ही नही चलता”

हमारा छोटा सा गांव था गांव में सिमलो ताई और बलराम ताया का घर था। सिमलो ताई बहुत ही हसमुख और सबके साथ घुलमिल कर रहने वाली औरत थी। हमेशा उसके घर मे बच्चों का खेलकूद धमाचौकड़ी चलती रहती गांव की औरतें भी उसके पास आकर बातें करने बैठी रहतीं। किसी को भी बिना चाय पिलाए

वो जाने नही देती थी हमेशा हंसते रहना कभी उसके माथे पर शिकन नही देखी। ताऊ की पास के बाजार में कॉपी किताब की दुकान थी जो अच्छी चलती थी और गुजारे लायक कमाई हो जाती थी अपनी जमीन भी थी तो खाने पीने लायक घर मे ही हो जाता। घर मे गाय भैंस भी थीं कुल मिलाकर किसी चीज की कमी नही थी।

उनका एक लड़का था कमल वो भी बहुत अच्छा था सबसे बहुत ही इज्जत सम्मान से बात करता था और पढ़ाई में भी ठीकठाक था।

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मां बाप का सपना था कि बेटा पढ़ लिखकर कुछ बन जाए स्कूली पढ़ाई के बाद ऊंची पढ़ाई के लिए उसे दिल्ली के शहर में दाखिल करवा दिया। पढ़ाई पूरी हुई तो सरकारी नौकरी का इंतज़ार करने की बजाए कमल ने अपना एक छोटा सी दुकान बहीं शहर में ही खोल ली। अचानक से एकदिन बलराम ताऊ की तबियत खराब हो गई

हॉस्पिटल में एडमिट करवा दिया गया उसका बेटा कमल भी आ गया डॉक्टरों ने काफी कोशिश की मगर बो बच न सके। सारे रीति रिवाज से संस्कार बगैरह करके कुछ दिनों बाद कमल फिर दिल्ली लौट गया

और इधर सिमलो ताई बिल्कुल अकेली रह गयी। ताऊ के गम में वो दिनरात कमजोर होती गई और बड़ी मुश्किल से ही अब रोटी बना पाती ज्यादातर तो गांव के लोग ही उसे खाना दे जाते और पानी गांव के बच्चे भर देते।

कुछ दिन बाद पता चला कि कमल ने वहां किसी लड़की से शादी कर ली है और बो बीबी को लेकर घर आ रहा है। सिमलो ताई बहुत खुश थी पूरे मोहले वालो को न्योता दिया था जब कमल बीबी को लेकर आया तो एकदम शादी जैसा ही माहौल था । सबकुछ बहुत अच्छा हो गया।

अब कमल ने मां से कहा कि शहर की महंगाई में बीबी के साथ रहना मुश्किल है इसलिए बो यही बाजार में अपना दुकान खोल लेगा ये सुनकर सिमलो ताई और भी खुश हो गई कि कम से कम बच्चों के साथ रहेगी। मगर ये खुशी ज्यादा दिन न रही अभी चार पांच साल ही हुए थे कि कमल दो बच्चों का बाप बन गया

बड़ी बेटी हुई थी बाद में बेटा। धीरे धीरे घर मे कमल की बीबी और सिमलो ताई के बीच रोज किसी न किसी बात पे झगड़ा होने लगा।

बात यह तक पहुंच गई कि कमल की बीबी ने कमल से कह दिया कि या तो बो इस घर मे रहेगी या उसकी माँ। अब सिमलो ताई काफी बूढ़ी भी हो चुकी थी तो बो उन सबको बोझ लगने लगी थी।

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थोड़ा समय और जैसे कैसे गुजरा एक दिन कमल ने मां को वृद्धाश्रम छोड़ने का निर्णय ले लिया उसने मां से कहा कि अब वो और लड़ाई झगड़े नही देख सकता इसलिए उसे बृद्धाश्रम छोड़ आएगा और समय समय उससे मिलने आता रहेगा । सिमलो ताई कुछ न बोल सकी और चुपचाप उसके साथ चली गई।

बहां जाकर ताई की तबियत और ज्यादा खराब होने लगी मगर कमल कभी बापिस ताई से मिलने नही गया। 

एक दिन कमल के घर चिट्ठी आई जिसमे लिखा था “बेटा महंगाई दिन ब दिन आसमान छू रही है ऊपर से तेरी बेटी भी बड़ी हो रही है उसकी शादी भी करनी है तुझे । तू मेरी फिक्र मत कर मैं यहां बहुत खुश हूं अपना ख्याल रखना यहां मेरे जैसे कितने ही लोग हैं एक दूसरे की बातें सुनकर दिन कब निकल जाता है

पता ही नही चलता” मगर तू फिक्र मत कर जब तेरा बापू जिंदा था तब मैंने तेरी शादी के लिए गहने और पैसे इकट्ठा करके रखे थे  अब तूने तो शहर में अचानक शादी कर ली और मैं भूल ही गई कि वो गहने और पैसे बहां रखे हैं तो अब बो गहने और पैसे तेरी बेटी की शादी में काम आएंगे।

घर के अंदर जो कृष्ण जी की मूर्ति है उसके अंदर से बो पैसे और गहने हैं निकाल लेना और बेटी की शादी धूमधाम से करना। कमल की आंखे भर आईं बो बीबी बच्चों को लेकर बृद्धाश्रम पहुंचा मगर बहुत देर हो चुकी थी बहां जाकर उसे पता चला कि जिस दिन उसने चिट्ठी भिजवाई थी उस दिन वो बहुत बीमार थी

अपनी आखरी इच्छा बोलकर ही उसने ये चिठी लिखी थी और ये भी कहा था कि उसे परेशान न करें क्या पता उसके पास समय हो न हो इसलिए हमने नही बताया। कमल भागता हुआ हॉस्पिटल पहुंचा मां आखरी सांसे गिन रही थी कमल जाकर मां से लिपट कर अपनी गलती की माफी मांगने लगा मगर गले लगते ही मां प्राण छोड़ चुकी थी।

आज कमल को अपनी गलती का एहसास हो चुका था मगर उसका पश्चाताप करना अब उसे नसीब न था वो खुद को कोस रहा था मगर बक्त निकल चुका था जिस मां के साथ उसने ऐसा बर्ताव किया वो मरते दम तक उसी के बारे में सोच रही थी इतना बड़ा दिल तो एक मां का ही हो सकता है।

                अमित रत्ता

        अम्ब ऊना हिमाचल प्रदेश

#बड़ा दिल

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