रमन जब ऑफिस से लौटा तो दरवाजे के बाहर से ही मनु के तेज- तेज रोने की आवाज़ उसके कानों में पड़ी तुरंत ही रीना की लापरवाही पर उसे जोर का गुस्सा आने लगा।ऐसी भी क्या नींद कि बच्चा इतनी जोर- जोर से रो रहा है और इसे सुनाई ही नहीं दे रहा।
वह भनभनाता हुआ जैसे ही अंदर घुसा उसका सारा गुस्सा काफूर हो गया।रीना फर्श पर अचेत पड़ी थी शरीर तेज बुखार से तप रहा था।वह तुरंत उसे ले कर डॉक्टर के यहाँ भागा।
अच्छा हुआ रमन आप इन्हें यहाँ ले आये इन्हें तो 104 डिग्री बुखार है इन्हें देखभाल और आराम की सख्त जरूरत है।आप ऐसा करिये कुछ दिनों के लिए किसी को बुला लीजिये क्योंकि बच्चा छोटा है और ये उसे भी नहीं संभाल सकतीं।
जब रमन ने रीना को यह बात बताई तो वह बोली ऐसा करते हैं कि अपने घर ही चलते हैं मनु भी दादा- दादी के साथ खुश रहेगा। मेरे मायके में वह किसी से ज्यादा घुला मिला भी नहीं है और मम्मी से भी काम नहीं होता उनके शरीर में दर्द रहता है।
उनको अचानक आया देख सुमन जी को कुछ शंका हुई पर सारी बात जानकर उन्होंने राहत की सांस ली कि चलो बहू ने उन पर इतना विश्वास तो किया। सारा दिन काम करने और मनु को संभालने में कब गुजर जाता उन्हें पता ही नहीं चलता।
धीरे- धीरे रीना की सेहत ठीक होने लगी तो शाम को वह पार्क में चली गई जहाँ उनकी सखियाँ रोज आती थी और वे सब बातें करके मन हल्का कर लेती थी।
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क्या बात है सुमन जी आजकल आप दिखाई ही नहीं देतीं तबियत तो ठीक है न आपकी?
अरे नहीं मुझे कुछ नहीं हुआ वो रीना की तबियत ठीक नहीं है तो मुझे मनु का ध्यान रखना पड़ता है न। अभी दो साल का ही तो है डर लगता है कहीं चोट न लगा बैठे वैसे भी वह बहुत शैतान है।
रीना को डॉक्टर ने बैड रेस्ट के लिए कहा था वह संकोचवश मायके जाने की कह रही थी । उसकी मम्मी को अर्थरायटिस की समस्या है तो मैंने उसे अपने पास ही बुला लिया कुछ दिन आराम कर लेगी तो ठीक हो जायेगी।
लेकिन आपको भी तो बीपी, शुगर की समस्या है फिर दोनों की देखभाल कैसे कर पाएंगी आप।
अगर मन हो तो सब कुछ हो सकता है सुधा अब ले दे के हम दोनों ही तो हैं एक- दूसरे के लिए जब उसे कोई तकलीफ होगी तो मुझे सहारा देना पड़ेगा और मेरी परेशानी में वह ही तो काम आयेगी और कोई नहीं आयेगा।
तुम और तुम्हारी सोच धन्य है सुमन #काश ऐसे समझने वाली सास हर घर में हो तो यह दुनियां स्वर्ग बन जाये।
कमलेश राणा
ग्वालियर