रश्मि एक शांत स्वभाव की महिला थी, जो घर की जिम्मेदारियां संभालने में व्यस्त रहती थी ! उसका पति राजीव एक समझदार और मेहनती इंसान था l उसका देवर महत्वकांक्षी युवक था, जो अपने करियर को बहुत आगे बढ़ाना चाहता था l
शुरुआत में सब कुछ ठीक चलता रहा, उनके बीच सामान्य सोहाद्र था l रश्मि ने भी ग्रेजुयेशन कर रखा था तो वो भी अपने देवर विवेक की मदद कर देती थी, उसे भी कुछ समझ नहीं आता था तो वो अपनी भाभी की हेल्प ले लेता था और घर के कामों में रश्मि की मदद कर देता था l
लेकिन धीरे धीरे अलग अलग व्यक्तित्व के कारण उन दोनों में मतभेद उभरने लगे l विवेक को लगने लगा था कि रश्मि को घमंड आ गया है और वह उसे कुछ बताना नहीं चाहती और घर के कामों को ज्यादा समय देती है , जबकि रश्मि को लगता था कि विवेक अब अपने अधय्यन के अलावा अन्य गतिविधियों में ज्यादा समय बिताता है l
एक दिन विवेक का पेपर था और वो बहुत ही तनाव में था
रश्मि ने उसे शांत किया और उसे पेपर समझाने में मदद की और समझाया कि तनाव लेने से तो और परिस्थितियाँ बिगड़ती है तो वह धीरज से काम ले सब अच्छा होगा l
उसने विवेक के लिए पसंदीदा डिश भी बनाई, विवेक ने भी समझदारी से काम लिया और अपनी भाभी की बात शांत दिमाग से सुनी और समझी और अगले दिन परीक्षा देने चला गया और घर आकर अपनी भाभी को बताया कि उसकी परीक्षा अच्छी हो गई l
विवेक ने परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किये l उसने रश्मि को धन्यवाद दिया और कहा कि उसकी मदद के बिना वो इतना अच्छा नहीं कर पाता l
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इस घटना के बाद दोनों के बीच फिर से सम्मान की भावना का जन्म हुआ, उनको अहसास हो गया की रिश्तों में सम्मान का होना कितना जरूरी है l
धीरे धीरे उनके बीच मजबूत बंधन बन गया l रश्मि ने विवेक को करियर में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया, और विवेक ने रश्मि की मदद की जब भी उसे जरूरत पड़ी l
एक बार रश्मि के पति राजीव का ट्रांसफर एसी जगह हो गया जहाँ रश्मि और बच्चों का जाना संभव नहीं था, तो विवेक ने रश्मि और बच्चों की पूरी देखभाल की, जब तक कि वे किसी नए शहर में स्थापित नहीं हो गए l
इस तरह एक देवर भाभी के रिश्ते में, आपसी समझ, सहयोग और सम्मान ने एक मजबूत रिश्ता बनाया l
उन्होंने साबित कर दिया कि रिश्तों में आपसी सहयोग और सम्मान के साथ हर मुश्किल का हल निकाला जा सकता है !!
शीतल भार्गव
छबड़ा जिला बारां
राजस्थान