जिया की अभी अभी ही कॉलेज की पढ़ाई पूरी हुई थी पढ़ने में काफी होशियार और घर के काम में निपुण सावंली सी लड़की जिसके पापा सरकारी पद पर कार्यरत है
मां – जिया जाओ तैयार हो जाओ
तुम्हारे लिए एक रिश्ता आया है लड़के वाले तुम्हें आज ही देखने आ रहे हैं
जिया – क्या मां आप बार-बार शादी की रट लगाए रहती हो, मुझे अभी अपनी पढ़ाई करनी है अपने पैरों पर खड़ा होना है
मां – मुझे कुछ नहीं सुनना जाओ तैयार हो जाओ, इतने में ही दरवाजे की घंटी बजी
मेहमान आ चुके थे।
जिया को बुलाया गया
लड़का – लड़की एक दूसरे को पसंद भी आ गए
मयंक की मां – हमें ये रिश्ता मंजूर है
आप शादी की तारीख तय कीजिए
*हम यहां से बहु नहीं बेटी लेकर जा रहे हैं*
मयंक भी प्राइवेट कॉलेज में प्रोफेसर है हालांकि लड़के के पिता की भूस की टाल है जिया के पिता ने ये सोचकर रिश्ता गरीब घर में तय कर दिया कि गरीब घर में काफी मान – सम्मान मिलता है, लड़का भी पढ़ा लिखा है और जिया भी राजी है
जिया की शादी काफी धूमधाम से की गई
*ससुराल पहुंचने के बाद*
मयंक की मां – आज जिया की मुंह दिखाई है जाओ जिया तैयार हो जाओ,
जिया की मुंह दिखाई हुई काफी पैसे चीज मिली पर उसे कुछ भी नहीं दिया गया सारा जेवर उसके उसके पिताजी ने ही दिया।
जिया को दो दिन बाद ही मायके लौटना था पहली बार पग फेरों के लिए ससुर जी के साथ भेजा गया लेकिन उसे कोई रुपए नहीं दिए गए,
जिया के घर पहुंचते ही सब बहुत खुश हो गए
बहनें – चलो जिया दी पार्टी दो..
जीजू ने तो खूब पैसे दिए होंगे दुल्हनिया को सहेलियों ने छेड़ते हुए कहा ।
जिया – हां पार्टी दे दूंगी
जिया उदास होगी
जब जिया दोबारा ससुराल गई तब जिया को पता चला के ससुराल में
जो भी है उसके घर से मिला वही बड़ा सामान है
ओर ससुराल में छोटा मोटा समान मसाले सब्जियां कुछ खाने का सामान और गैस चूल्हा , जहां तक की जिस घर में शादी होकर आई है वो दूसरे का है मयंक की चाची का घर है ज्वाइंट फैमिली है
शादी से पहले अच्छे खासी सैलरी भी बताई थी
शादी के 10 दिन बाद ही जिया को घर के काम के लिए बोल दिया गया
जिया आज जल्दी उठ गई क्यूंकि मयंक को सुबह 7 बजे ही कॉलेज जाना था, जिया ने सबके लिए नाश्ता बनाया और वाशरूम चली गई
मयंक – मां मेरा नाश्ता ,
मां – हां बेटा बना रही हूं
मयंक – तुम क्यू बना रही हो जिया कहां है
मयंक गुस्से में – जिया जिया जिया
जिया – जी
मयंक – तुम क्या कर रही हो मां वहां काम कर रही है उनको ही काम करना था तो तुमसे शादी क्यूं करता
जिया – पर नाश्ता तो मैंने
मयंक – चुप खबरदार एक शब्द बोली,
मयंक की मां काफी खुश हो गई ये देखकर के मयंक बहु पर चिल्ला रहा है
मयंक की मां – अरे क्यूं चिल्ला रहा है बहु पर अभी तेरी मां जिंदा है ।
जिया ने मयंक को लंच बॉक्स दिया और अपने रूम में चली गई और मयंक भी कॉलेज चला गया
मयंक की मां – बहु बहु अरी ओ बहु
जिया – जी मां जी
अब क्या मुंह फुलाकर ही बैठी रहोगी या घर के काम भी करोगी एक काम ढंग से नहीं करना हैं ,
ससुराल में ताने देना जैसे मयंक की मां का रोज का काम हो गया।
जिया ये सोचकर शाम का काम जल्दी के लेती कि जब जब मयंक आ जाएंगे तो उनके साथ बैठकर बातें करूंगी।
जिया ने अपना काम फिनिश किया और रूम में चली गई
और जब मयंक कॉलेज से वापस आया देखा
मां काम कर रही है
मयंक – जिया जिया
गुस्से में रूम में गया
जिया – क्या हुआ
मयंक – तुझे शर्म नहीं आती तेरी मां ने तुझे यही संस्कार दिए है और जिया पर हाथ उठा दिया
जिया जब भी कुछ पैसे मांगती मयंक उसे गालियां देता लड़ाई झगड़ा करता उसे यही कहा जाता कि बचते ही नहीं है यहां क्या जरूरत है
जब जब मायके जाती और मयंक को साथ चलने की कहती मयंक किसी ना किसी बहाने से टाल देता और बोलता पापा हैं ना छोड़ आएंगे तब भी पैसों की बोलती तब भी यही कहा जाता अपने मायके जा रही है पैसों की क्या जरूरत है तेरे मां बाप को क्या अब मेरी भी कमाई खानी है या तेरा खर्चा नहीं उठा पाते ।
शादी के कई साल बीत गये सब झेलते झेलते
मयंक की वही गालियां –
वही मारपीट
सास के ताने
मायके वालों को कोसते सुनते
जिया को ताने
मयंक का किसी दूसरी लड़की के साथ अफेयर उससे घंटो बातें करना उसकी आंखों में आंखे डालकर झूठ बोलना
यहां तक कि उसके मायके में किसी अपने की मौत होने पर भी मयंक कभी उसके साथ नहीं गया ना कभी उसे गले से लगाया l
जिया ने कई सालों में बहुत कुछ झेला,
*Pregnancy Time DeliveryTime* जब मयंक उसके साथ नहीं था
जिया का सब बदला
उम्र बदली
घर बदला
वंश बढ़ाया
नहीं बदला तो मयंक और मयंक की मां का स्वभाव उसके रिश्तेदारों का भी जिया को ताने देना बात बात m टोंट कसना
सब झेलने के बाद एक रोज जिया ने सास को जवाब दे ही दिया –
मैं आपको मां मां कहती रही , अपने मुझे कभी बेटी नहीं समझा
*सासू मां आप तो मुझे बेटी बना कर लाई थी आपने तो मुझे बहु का भी हक नहीं दिया*
आप चाहतीं तो एक औरत होने के नाते मेरा साथ देती !
*संदेश* -हर गरीब घर में इज्जत नहीं मिलती, वो समय गया l
जब *गरीब* लोग इज्जत करते थे ये *कलयुग* है
लोग *गरीबी* का भी फायदा उठाते है जिसका *लेवल* खुद गिरा होगा वो तुम्हें कभी *इज्जत* नहीं देगा इसलिए बेटी का *रिश्ता* हमेशा सोच समझ कर करें l
Renu Anand
*सासू मां आप मुझे बेटी बना कर लाई थी लेकिन बहू का भी हक नहीं दिया।*