एक फैसला आत्मसम्मान के लिए – सविता गोयल : Moral stories in hindi

  ” मम्मी जी, मैं सोच रही थी कल से से आफिस ज्वाइन कर लूँ …. वैसे भी नन्नू छह महीने का हो गया है …।,, वृंदा जी की छोटी बहु टीना ने अपनी बात घरवालों के सामने रख दी । 

” हाँ, हाँ बहु …., वैसे भी मैं और कावेरी ( बड़ी बहु) तो हैं हीं घर पर । … कावेरी के बच्चे तो अब बड़े हो चुके हैं ….हम दोनों मिलकर इसे सम्भाल लेंगे। ,, 

अपनी इस बात पर स्वीकृति की उम्मीद से वृंदा जी ने कावेरी की तरफ देखा । 

कावेरी असमंजस में थी कि वो क्या जवाब दे । 

शादी के ग्यारह साल हो गए थे ….. माना वो अपनी देवरानी टीना के जैसे किसी आफिस में काम नहीं करती थी।लेकिन शादी से पहले वो प्राइमरी स्कूल में बच्चों को पढ़ाती थी ….. । 

शादी के बाद जब उसने अपने इस शौक को जारी रखने की बात अपने पति अरविंद से कही तो वृंदा जी ने साफ- साफ कह दिया , ” बहु….., पहले अपनी गृहस्थी जमा लो।…… मैं तो सोच रही थी बेटे की शादी के बाद पोते पोतियों के साथ खेलूंगी…. और कहाँ तुम नौकरी की बात कर रही हो…।,, 

कावेरी ने भी ज्यादा जिद्द नहीं की और अपनी गृहस्थी में रम गई। तीन साल के अंदर ही एक बेटे और एक बेटी को जन्म देकर उसने वृंदा जी को भी दादी बनने का सुख दे दिया । बच्चों के लालन- पालन में शादी के पांच साल कैसे निकल गए पता हीं नहीं चला । 

अब बच्चे भी संभल चुके थे और कावेरी का बेटा तो स्कूल भी जाने लगा था। 

कावेरी के अंदर एक बार फिर अपने शौक को आगे बढ़ाने का विचार आया। लेकिन इस बार जब उसने अपनी बात रखने का प्रयास किया तो घर में जैसे तूफान आ गया …….वृंदा जी ने भड़कते हुए कह दिया था , ” अब ये महारानी बाहर नौकरी करेगी और मैं घर में इसकी पैसे कमाओ या रिश्ते निभाओ।  नौकरी करूंगी !!!!! ये नौकरी करेगी तो घर और बच्चों को कौन देखेगा???? मेरा बेटा क्या कम कमाता है जो इसे पैसे कमाने की जरूरत आ पड़ी है…???? इससे कह दो.. या तो पैसे कमा ले या फिर रिश्ते निभा ले …… । ,, 

अरविंद ने भी बात को आगे बढ़ने से रोकते हुए कावेरी से कह दिया, ” रहने दो ना कावेरी …. क्यों घर का माहौल खराब करती हो…। वैसे भी अब हम सबको तुम्हारी आदत हो गई है। प्लीज ये नौकरी वौकरी का ख्याल अपने मन से निकाल दो …। मैं तुमसे वादा करता हूँ कि कभी तुम्हें किसी चीज की कमी नहीं होने दूंगा । ,, 

अब कावेरी अरविंद को क्या समझाती की वो सिर्फ पैसे कमाने के लिए नौकरी नहीं करना चाहती….बल्कि ये उसकी इच्छा है!!! लेकिन ये भी सच है कि एक औरत को अपनी इच्छाओं से पहले अपने परिवार की इच्छाओं का मान रखना पड़ता है । शायद इन्हीं संस्कारों ने कावेरी के कदमों को भी रोक दिया .. । 

आज कावेरी की शादी के दस साल बाद उसके देवर नितिन की शादी हुई और टीना ने छोटी बहु के रूप में घर में कदम रखा । टीना कावेरी के देवर नितिन के आफिस में ही काम करती थी । शादी के बाद उसने कुछ महीनों के लिए जाॅब छोड़ दी थी। इस बीच वो गर्भवती हो गई । प्रैग्नेंसी में कुछ कॉम्प्लिकेशन होने के कारण डाक्टर ने टीना को बैड रेस्ट बता दिया था। उस वक्त कावेरी ने पूरी जिम्मेदारी से टीना का ख्याल रखा। नौ महीने बाद टीना ने एक बेटे ( नन्नू ) को जन्म दिया । 

नन्नू के छह महीने के होते हीं टीना ने फिर से अपनी जाॅब ज्वाइन करने का फैसला सुना दिया । 

” कावेरी आज खुद को कड़ा करते हुए बोल पड़ी , ” माँ जी,….. मानती हूँ मेरे बच्चे बड़े हो गए हैं …..और मैं भी इसी दिन का इंतजार कर रही थी कि मेरे बच्चे बड़े हो जाएं और मेरी जिम्मेदारियां भी थोड़ी कम हो जाएं….. । 

मैं अपने हिस्से के रिश्ते निभा रही हूँ लेकिन और किसी के हिस्से के रिश्ते मैं नहीं निभाऊंगी । … मैं नन्नू की जिम्मेदारी नहीं उठा सकती ।…. हाँ यदि इस उम्र में  आप नन्नू को सम्भाल सकती हैं तो मुझे कोई आपत्ति नहीं ।…. वैसे तो देवर जी भी बहुत कमाते हैं…लेकिन यदि टीना को जाॅब करनी है तो करे … मुझेे तो खुशी ही होगी क्योंकि सबको हक है अपनी इच्छाओं को पूरा करने का । 

लेकिन अब मैं भी दोबारा स्कूल ज्वाइन करना चाहती हूँ …..क्योंकि ये मेरी इच्छा है … और फैसला भी । ,, 

वृंदा जी और सारा परिवार आज कावेरी का मुंह ताक रहा था । ..उन्हें भी अपनी कही हुई सारी बातें याद आ रही थीं । 

आज अरविंद ने भी सबसे कह दिया, ” हाँ नितिन…. नन्नू की देखभाल के लिए तुमलोग एक आया रख सकते हो लेकिन कावेरी अब दोबारा से दस साल पीछे नहीं जा सकती ।,, 

कावेरी आज अपने इस फैसले से संतुष्ट थी और आत्मविश्वास से लबरेज थी….क्योंकि उसे आज अपने सपनों को फिर से जीने का मौका मिल रहा था ।                                                     सविता गोयल

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