ज़िंदगी चलने का नाम – मणि शर्मा : Moral Stories in Hindi

“अब मैं यह सब बर्दाश्त नहीं कर सकती ,हर समय तुम्हारी मम्मी के तानों से परेशान हो गयी हूँ “,कहते कहते मीरा साहिल के सामने रो पड़ी . “नहीं कर सकती तो जो चाहो करो ,जहाँ चाहो जाओ मैं भी रोज़ रोज़ की चिक चिक से तंग आ गया हूँ “,चीखता हुआ साहिल कमरे से … Continue reading ज़िंदगी चलने का नाम – मणि शर्मा : Moral Stories in Hindi