ज़िंदगी-सुख दुःख का संगम। – रश्मि सिंह
Post View 6,929 सावित्री- सुनिए! राशि के पापा, राशि की दिखायी घर पर ना कराकर किसी मंदिर में कराए। राजेश जी- हाँ ये सही है, पर पहले राशि को तो तैयार करो चलने के लिए। राशि कमरे में आते ही- मैं किसी से मिलने नहीं जाऊँगी। सावित्री-बस इस बार चल मेरी गुड़िया रानी, और अबकी … Continue reading ज़िंदगी-सुख दुःख का संगम। – रश्मि सिंह
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