ज़िंदगी-सुख दुःख का संगम। – रश्मि सिंह

Post View 6,285 सावित्री- सुनिए! राशि के पापा, राशि की दिखायी घर पर ना कराकर किसी मंदिर में कराए। राजेश जी- हाँ ये सही है, पर पहले राशि को तो तैयार करो चलने के लिए। राशि कमरे में आते ही- मैं किसी से मिलने नहीं जाऊँगी। सावित्री-बस इस बार चल मेरी गुड़िया रानी, और अबकी … Continue reading ज़िंदगी-सुख दुःख का संगम। – रश्मि सिंह