जिन्दगी की खुशियां – माता प्रसाद दुबे

Post Views: 4 शाम के 7,बज रहे थे। रामप्रसाद अपनी ड्यूटी पूरी करके अपने घर पहुंच चुका था। वह राज्य सरकार  में सरकारी ड्राइवर के पद पर कार्यरत था। दिन भर गाड़ी चलाने के उपरांत वह थक कर चूर हो चुका था। मगर यह तो उसकी रोज की दिनचर्या थी। आज वह मानसिक तौर पर … Continue reading जिन्दगी की खुशियां – माता प्रसाद दुबे