ज़िंदगी का तराजू – शुभ्रा बैनर्जी  : Moral stories in hindi

Post View 10,656 मालती आज जैसे ही बाजार जाने के लिए निकलने लगी,सासू मां ने बताया इन्सुलिन ,प्रेशर की दवाई,ख़त्म हो गई है।और हां हाजमोला भी लेना है।सुबह अखबार पढ़ते समय बोलीं थीं”अब दूसरी आंख से भी बहुत कम दिखता है बहू।” सड़क पर चलती हुई मालती सोचने लगी।परिवार की पूरी जिम्मेदारी उसके ऊपर डालकर … Continue reading ज़िंदगी का तराजू – शुभ्रा बैनर्जी  : Moral stories in hindi