ज़िंदगी हमारी है तो जीने का सलीका भी हमारा होना चाहिए – निशा जैन  : Moral stories in hindi

Post Views: 15 ये शालिनी जी का पार्सल है, कहां मिलेंगी वो? अरे वो जो सामने बैठी है ना, वो जो मोटी सी बैठी है पिंक कलर के सूट में, वही है शालिनी जी…. पडौस के लोग बोलते भैया चाय का बिल डायरी में नोट कर लेना, थोड़ी देर में आकर पैसा देती हूं शालिनी … Continue reading ज़िंदगी हमारी है तो जीने का सलीका भी हमारा होना चाहिए – निशा जैन  : Moral stories in hindi