“जिंदगी एक जंग है” – कविता भड़ाना

Post View 7,897 “शांति ओ शांति अरे भाग्यवान कहां हो?…मोहनलाल जी बहुत खुशी खुशी मिठाई का डब्बा हाथ में लिए बाहर से ही आवाज लगाते हुए घर में दाखिल हुए”… अजी क्या हुआ क्यों इतना चहक रहे हो, शांति जी रसोई घर से पसीना पोंछते हुए निकली…बस शांति अब तुम्हे और खटने की जरूरत नहीं … Continue reading “जिंदगी एक जंग है” – कविता भड़ाना