जिम्मेदारियों का बोझ – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

Post Views: 2 “सुनो, बच्चे बड़े हो गए हैं। कोई घर में आए, तो अब बुरा लगता है। आपसे पहले भी कहा था कि पुराना फर्नीचर बदल लेते हैं।” सुधा ने याद दिलवाया। “हूं” कहते हुए प्रेम जी ने बेहाल सोफे का जायका लेते हुए नज़र फेर ली। “मम्मी यार, यह बाद में देख लेंगे। … Continue reading जिम्मेदारियों का बोझ – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi