जिम्मेदारियों ने छीन लिया बचपन – अमिता गुप्ता “नव्या”
Post Views: 20 छोटू…ओ छोटू… कहां मर गया? बातें ही करता रहेगा, कुछ काम धाम भी है तेरे पास, देख जल्दी-जल्दी काम निपटा नहीं तो आज की तनख्वाह से आधे पैसे काट लूंगा, दुकान मालिक झल्लाते हुए बोला। नहीं, नहीं… ऐसा मत करना साब। मैं सारा काम निपटा दूंगा, अगर आपने पैसे काट लिए तो … Continue reading जिम्मेदारियों ने छीन लिया बचपन – अमिता गुप्ता “नव्या”
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed