Post View 1,740 साहनी साहब बैंक में कार्यरत थे और परिवार भी छोटा सा बस एक ही बेटा, दूसरी संतान ईश्वर ने दी ही नहीं। साहनी साहब और उनकी धर्मपत्नी रोहिणी को बेटी का बहुत चाव था, मगर ईश्वर को शायद मंज़ूर नहीं था, बेटी पैदा तो हुई मगर पैदा होते ही इस संसार से … Continue reading यही तमन्ना है – प्रेम बजाज
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