ये रिश्ता क्या कहलाता है – अंजू निगम

Post View 2,221 दीवार घड़ी ने नौ बजाये। श्वेता की घबराहट बढ़ रही थी|”जब वो जानती थी कि पापाजी की याददाश्त कमजोर पड़ रही हैं तो यूँ उन्हें अकेले चले जाने की बात वो टाल क्यों न पाई? लाख वे जिद पर अड़े रहते पर जब सुदेश भी दो दिनो के लिए शहर से बाहर … Continue reading ये रिश्ता क्या कहलाता है – अंजू निगम