ये मान सम्मान मेरा नहीं मेरे बेटे का हो रहा है….. – भाविनी केतन उपाध्याय 

Post View 277   ” क्यों री बहूरिया,मन ही मन क्यों मुस्कुरा रही है ?” कपड़ों को सुखाते हुए  अम्मा जी ने कहा।   ” कुछ नहीं अम्मा जी,बस ऐसे ही…” शालिनी ने शालीनता से अपनी ख्याल और साथ देने वाली अम्मा जी से कहा। ” ऐसे क्यों नहीं बहूरिया, कहना नहीं चाहती हैं तो … Continue reading ये मान सम्मान मेरा नहीं मेरे बेटे का हो रहा है….. – भाविनी केतन उपाध्याय