ये भी प्रेम ही था ना.. – अर्चना नाकरा

Post View 176 मेट्रो तेज रफ्तार से भाग रही थी और ‘उसी रफ्तार से साधना का मन भी” आज सुबह प्रेजेंटेशन देनी थी नहीं तो शायद छुट्टी ले लेती! वैसे, छुट्टियां बची भी कहां थी ? आए दिन कुछ ना कुछ लगा ही रहता और उसे घर रुकना पड़ता! पता नहीं कैसे’ खींचतान कर घर … Continue reading ये भी प्रेम ही था ना.. – अर्चना नाकरा