“ये मेरे अपने हैं”  – डॉ .अनुपमा श्रीवास्तवा

Post View 8,281 छोड़ दीजिये उनको ! उनका सही इलाज हो रहा है। जैसी करनी वैसी भरनी ! आकाश ,बेटा ऐसे क्यों बोले तुम?   वह गैर थोड़े ही है जैसे भी हैं तुम्हारे चाचा हैं।रिस्तों का लिहाज मत भूलो बेटा !  आकाश अपनी भौ टेढ़ी करते हुए बोला-”  पता नहीं आप किस मिट्टी की बनी … Continue reading “ये मेरे अपने हैं”  – डॉ .अनुपमा श्रीवास्तवा