ये घर तुम्हारा भी है … – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in hindi

Post Views: 10 शांति जी के कंपकपाते हाथों से कांच का कप चाय छानते हुए झट से नीचे गिर गया….. बाहर गेस्ट रूम में अपनी सहेलियों संग बैठी बहुरानी मोहिनी की एक सहेली बोली…. देख तेरी सास से फिर कोई कांड किया…. ये सासे ऐसी क्यूँ होती है कि बहू बेटे के पैसों को, उनके … Continue reading ये घर तुम्हारा भी है … – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in hindi