ये घर तुम्हारा भी है””आज का परिवेश” : Moral Stories in hindi

गौरी उठ जा बेटा “” समय देख”””ग्यारह पच्चीस हो गये! पापा आते ही होगें”””” मम्मी जी उठती हूं,बस पांच मिनट “”” उठ जा बेटा लोग क्या कहेंगें””” अरे””””कहने दो””” गौरी ने वापस कम्बल पैर से सिर तक खीच लिया “”” अब गार्गी क्या करे,लड्डू गोपाल को पहले भोग लगाये,या पति के भोग की तैयारी करे”””” … Continue reading ये घर तुम्हारा भी है””आज का परिवेश” : Moral Stories in hindi