यत्र नार्यस्तु पुज्यंते – सुनीता मिश्रा
Post View 683 पंडित त्रिलोकी प्रसाद मिसिर,स्त्री जाति का बहुत सम्मान करते। कभी भी अपशब्द का प्रयोग नहीं करते उनके लिये ।स्त्री जाति को वे देवी का रूप मानते।उनका विश्वास था जिस घर मे नारी की पूजा होती है,वहाँ देवता निवास करतें हैं। वे अक्सर बनवारी माली,रघु खटीक,ठाकुर हरिसिंग को समझाते,बात बेबात औरतों पर हाथ … Continue reading यत्र नार्यस्तु पुज्यंते – सुनीता मिश्रा
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